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जहां नेटवर्क की कमी है, वहां ATM कैसे पहुंचेगा? UPSC 2020 इंटरव्यू में ऐसे सवालों ने यूपी के लाल को बनाया IPS
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सवाल- क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य क्या है, यह भारत के लिए सकारात्मक है या नकारात्मक?
जवाब- अभी यह तकनीक शुरुआती दौर में है। ऐसे में किसी भी निष्कर्ष पर पहुंच पाना मुश्किल है। लेकिन उसके सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पहलू हैं। साइबर सिक्योरिटी से संबंधित नकारात्मक पहलू भी हैं। पॉजिटिव यह है कि ट्रांजैक्शन करना आसान हो जाएगा। फ्रॉड वगैरह में कमी आ जाएगी।
सवाल- बैंक फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी में क्या नया इनीशिएटिव ले रहे हैं?
जवाब- एसबीआई यूनो और बीओबी पे लेकर आई है।
सवाल- हेरिटेज बिल्डिंग को कैसे टूरिस्ट अट्रैक्शन के रूप में डेवलप किया जा सकता है?
जवाब- जितनी भी ऐतिहासिक महत्व के स्थान हैं, उन्हें आर्कियोलॉजिक सर्वे ऑफ इंडिया के तहत लाया जाए। उनकी जीआइएस टैगिंग की जाए। ताकि टूरिस्ट एक जगह देखकर महत्वपूर्ण स्थानों का भ्रमण कर सके। इसमें पीपीपी मॉडल लाया जाना चाहिए।
सवाल- यदि साइंस टेक्नोलॉजी को बच्चों में प्रमोट करना है तो उसके लिए आप क्या-क्या कदम उठा सकते हैं?
जवाब- इसरो की एक उन्नति स्कीम चलती है। इसमें यह लोग नैनो टेक्नोलॉजी का डेवलपमेंट कराते हैं और बच्चों को इसमें पार्टीशिपेट कराते हैं। 8वीं और 9वीं कक्षा के जिन बच्चों की साइंस में रूचि होती है। उनको मौका दिया जाता है। अटल इनोवेशन के तहत जिन बच्चों की साइंस एंड टेक्नोलॉजी में रूचि होती है। नीति आयोग उसको फंडिंग करता है। 7वीं और 8वीं के जिन बच्चों की इसमें रूचि होती है वह इसमें आगे बढ़ते हैं। साइंस बेस्ट म्यूजियम वगैरह बनाया जाए। बच्चे वहां पर जाएं और देखें तो उनमें रूचि बढ़ती है। रिसर्च के बजट को बढ़ाया जाए ताकि जॉब के अवसर बढ़े।
सवाल- नॉर्थ ईस्ट के बारे में आप क्या जानते हैं?
जवाब- उसके कल्चरल और ट्राइबल विविधता, नेचुरल और ह्यूमन रिसोर्सेज के बारे में जानता हूं।
सवाल- जिन एरिया में नेटवर्क की कमी है, वहां एटीएम पहुंचाना हो तो क्या कर सकते हैं?
जवाब- पोर्टेबल एटीएम का प्रयोग कर सकते हैं। वीसैट टेक्नोलॉजी का उपयोग कर सकते हैं। बैंक मित्र वगैरह का उपयोग कर सकते हैं।
सवाल- देखा जाए तो वर्ष 1990 से पिछले दो-तीन दशक में बजट मेंकिग में क्या बदलाव हुए हैं?
जवाब- बजट मेकिंग में दो स्तर पर बदलाव हुए हैं। तकनीकी तौर पर देखा जाए तो पहले हमारा नान प्लॉन और प्लांड बजट हुआ करता था। चूंकि योजना आयोग को 2015 में खत्म कर नीति आयोग में परिवर्तित कर दिया गया तो उसकी वजह से हमारे नान प्लॉन और प्लांड बजट का डिफरेंशिएशन खत्म हो गया। अब हमारा बजट का सिंगल डॉक्यूमेंट ही आता है। पहले अटैची फिर रेड कपड़े में बजट लाना शुरू किया गया। अब इसे पूरा डिजिटल कर दिया गया है। पहले कॉरपोरेट टैक्स बहुत ज्यादा हुआ करता था। उसको समय के साथ कम कर दिया गया है क्योंकि आपको वैश्विक बाजारों से प्रतिस्पर्धा का भी ध्यान रखना है। वरना कॉरपोरेट कम्पनियां जहां टैक्स कम हैं, वहां शिफ्ट कर जाएंगी। पीपीपी मॉडल पर जोर दिया गया। डिजिटल डोमेन पर सरकार का फोकस बढ़ा।
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