आाजदी की लड़ाई में कई ऐसे संघर्ष हुए जो इतिहास के पन्नों पर दर्ज हो गए जिसमें से एक था पॉलीगार विद्रोह। जिसने ईस्ट इंडिया कंपनी को घुटनों पर ला दिया। तमिलनाडु के पॉलिगारों ने अंग्रेजों की नींव हिला दी थी।
18वीं शताब्दी में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन पूरे देश में फैल चुका था। दक्षिण भारतीय राज्यों में पॉलीमरों का विद्रोह अंग्रेजी हूकूमत के लिए मुसीबत बन गई थी। पॉलीमरों ने कई वर्षों तक अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी और संघर्ष करते रहे।
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम (Freedom Fight) में कई वीरांगनाओं ने अपने प्राणों की आहुति दी है। उन्हीं में से एक हैं दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य की रानी अब्बक्का, जिन्होंने पुर्तगालियों के साथ युद्ध लड़ा था।
नागा नेता हैपौ जादोलंग मलंगमे ने अंग्रेजी राज के खिलाफ लड़ाई की थी। जादोनांग ने नागा युवकों के एक सशस्त्र समूह रिफेन का गठन किया था। इम्फाल जेल के पीछे नंबुल नदी के किनारे उन्हें फांसी पर लटका दिया गया था।
आजादी की लड़ाई में कई ऐसे क्रांतिकारियों ने साथ दिया जिनका नाम इतिहास के पन्नों में भले ही ना हो लेकिन उनके संघर्ष के चर्च जरूर हैं। भारत के उत्तर-पूर्वी प्रांतों में कई ऐसे क्रांतिकारी हुए। आइये जानते हैं नागा नेता हैपो जादोलंग मलंगमे की कहानी
आजादी के अमृत महोत्सव में आज बात इस महिला समूह कि जिन्होंने आजादी की लड़ाई लड़ी। वे महिलाएं जो पिछड़ी जातियों की थी। ये वे महिलाएं हैं जिनका जिक्र इतिहास के पन्नों में नहीं किया गया है जानिए कौन थीं वे वीरांगनाएं
भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान देश के हर तबके ने अपनी भूमिका निभाई। भारत की कई क्रांतिकारी महिलाओं ने हंसते-हंसते अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। ऐसी ही कुछ भारतीय महिलाओं के बारे में हम जानकारी दे रहे हैं।
आजादी के 75 साल का जश्न (Azadi ka amrut mahotsav) भारत सरकार आजादी का अमृत महोत्सव के नाम से मना रही है। इसी क्रम में एशियानेट न्यूज (Asianet News) ने भी अमृत महोत्सव यात्रा शुरू की है। कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत (Governor) ने हरी झंडी दिखाकर यात्रा को रवाना किया।
जमनालाल पहले अपने दत्तक पिता के व्यवसाय में शामिल हुए और बाद में अपनी खुद की चीनी मिल की स्थापना की। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान उनके दान के लिए ब्रिटिश सरकार ने जमनालाल को राय बहादुर की उपाधि से सम्मानित किया।
हमारा देश आजादी के 75 साल का जश्न मना रहा है लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए न जाने कितने लोगों ने भारतीय स्वतंत्रता के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया था। उन्हीं में से एक थे देश के मशहूर उद्यमी जमनालाल बजाज।