आजादी की लड़ाई में अपने प्राणों की आहुति देने वालीं कई महिलाएं हुईं। इतिहास के पन्नों पर रानी लक्ष्मबाई की नाम बड़े गर्व के साथ लिया गया है। वहीं रानी लक्ष्मीबाई से पहले भी एक महिला थीं रानी वेणु नाचियार जिन्होंने अंग्रेजों की चूल्हे हिला दीं
भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान उद्योगपति घनश्याम दास बिड़ला ने बड़ी भूमिका निभाई थी। बिरला ऐसे उद्योगपति थे, जिन्होंने राष्ट्र के लिए तन, मन और धन न्योछावर कर दिए। घनश्याम दास बिरला भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के पोषक की भूमिका में रहे।
देश की आजादी के लिए बलिदान देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों में शहीद भगत सिंह का नाम प्रमुखता से लिया जाता है। अंग्रेज अधिकारी उनसे खौफ खाते थे। इंकलाब जिंदाबाद का नारा लगाते हुए भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु 23 मार्च 1931 को फांसी पर चढ़ गए थे।
आजादी के अमृत महोत्सव में आज बात आजादी की लड़ाई लड़ने वाले उस क्रांतिकारी कि जिसका नाम आज भी पूरा देश बड़े अदब और शान से लेता है। जी हां बात शहीद भगत सिंह की। जिन्हें फांसी के फंदे पर लटका दिया गया था।
जोसेफ का 50 वर्ष की आयु में 1938 में मदुरै में निधन हो गया। वे प्रख्यात पत्रकार पोथेन जोसेफ के भाई थे। वह महिलाओं के अधिकारों और अंतर्धार्मिक विवाहों के मुखर समर्थक थे। जोसेफ का 50 वर्ष की आयु में 1938 में मदुरै में निधन हो गया।
भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में बैरिस्टर जॉर्ज जोसेफ का नाम अदब से लिया जाता है। उन्होंने इंग्लैंड से कानून की पढ़ाई की थी लेकिन भारत में जनजातियों के खिलाफ होने वाले अत्याचार को लेकर वे मुखर थे।
बटुकेश्वर दत्त का जन्म 1910 में पश्चिम बंगाल के बर्धमान जिले में हुआ था। वह कानपुर में पढ़ाई के दौरान भगत सिंह के HSRA में शामिल हो गए थे। वह बम बनाने में माहिर हो गए थे। जानिए आजादी की लड़ाई लड़ने वाले क्रांतिकारी की कहानी
भारतीय क्रांतिकारी बटुकेश्वर दत्त (Revolutionary Batukeshwar Dutt) उन क्रांतिकारियों में से थे, जिन्होंने ब्रिटिश हुकूमत (British Rule) को सीधे चुनौती दी थी। बटुकेश्वर दत्त ने सरदार भगत सिंह के साथ मिलकर दिल्ली असेंबली में बम धमाका किया था।
आजादी की लड़ाई लड़ने वाली रानी चेन्नम्मा की बहादुरी की कहानी। रानी चेन्नम्मा कित्तूर की बहादुर रानी थीं। जिन्होंने ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ लड़ाई लड़ी और देश के अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। आजादी के अमृत महोत्सव में आज बात रानी चेन्नम्मा की
भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान दक्षिण भारत की बहादुर रानी चेन्नम्मा ने अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध लड़ा और शहीद हो गईं। उनकी इस शहादत को पूरा देश नमन करता है। रानी चेन्नम्मा ने भारतीय जनमानस को अंग्रेजों के खिलाफ करने में बड़ी भूमिका निभाई।