सार
समुद्र शास्त्र में पुरुषों और स्त्रियों के प्रकार के बारे में भी लिखा गया है। हालांकि पुरुषों के बारे में तो कुछ ज्यादा नहीं लिखा गया लेकिन स्त्रियां कितने प्रकार की होती है उनके लक्षण क्या होते हैं उनका स्वाभाव कैसा होता है, इसके बारे में काफी कुछ लिखा गया है।
उज्जैन. समुद्र शास्त्र के अनुसार स्त्रियों को मुख्यतः निम्न पांच वर्गों में बाटा गया है, जो इस प्रकार है…
1. शंखिनी
- ये अन्य स्त्रियों से थोड़ी लंबी होती हैं। इनमें से कुछ मोटी और कुछ दुर्बल होती हैं। इनकी नाक मोटी, आंखें अस्थिर और आवाज गंभीर होती है। ये हमेशा अप्रसन्न ही दिखाई देती हैं और बिना कारण ही क्रोध किया करती हैं।
- ये पति से रूठी रहती हैं, पति की बात मानना इन्हें गुलामी की तरह लगता है। इनका मन सदैव भोग-विलास में डूबा रहता है। इनमें दया भाव भी नहीं होता। इसलिए ये परिवार में रहते हुए भी उनसे अलग ही रहती हैं। ऐसी स्त्रियां संसार में अधिक होती हैं।
- ऐसी लड़कियां चुगली करने वाली यानी इधर की बात उधर करने वाली होती हैं। ये अधिक बोलती हैं। इसलिए लोग इनके सामने कम ही बोलते हैं। इनकी आयु लंबी होती हैं।
2. चित्रिणी
- ये स्त्रियां पतिव्रता, स्वजनों पर स्नेह करने वाली होती हैं। ये हर कार्य बड़ी ही शीघ्रता से करती हैं। इनमें भोग की इच्छा कम होती है। श्रृंगार आदि में इनका मन अधिक लगता है। इनसे अधिक मेहनत वाला काम नहीं होता, परंतु ये बुद्धिमान और विदुषी होती हैं।
- गाना-बजाना और चित्रकला इन्हें विशेष प्रिय होता है। ये तीर्थ, व्रत और साधु-संतों की सेवा करने वाली होती हैं। ये दिखने में बहुत ही सुंदर होती हैं। इनका मस्तक गोलाकार, अंग कोमल और आंखें चंचल होती हैं। इनका स्वर कोयल के समान होता है। बाल काले होते हैं।
- इस वर्ग की लड़कियां बहुत कम होती हैं। यदि इनका जन्म गरीब परिवार में भी हो तो ये अपने भविष्य में पटरानी के समान सुख भोगती हैं। अधिक संतान होने पर भी इनकी लगभग तीन संतान ही जीवित रहती हैं, उनमें से एक को राजयोग होता है। इस जाति की लड़कियों की आयु लगभग 48 वर्ष होती है।
3. हस्तिनी
- इस वर्ग की लड़कियों का स्वभाव बदलता रहता है। इनमें भोग-विलास की इच्छा अधिक होती है। ये हंसमुख स्वभाव की होती हैं और भोजन अधिक करती हैं। इनका शरीर थोड़ा मोटा होता है। ये प्राय: आलसी होती हैं।
- इनके गाल, नाक, कान और व मस्तक का रंग गोरा होता है। इन्हें क्रोध अधिक आता है। कभी-कभी इनका स्वभाव बहुत क्रूर हो जाता है। इनके पैरों की उंगलियां टेढ़ी-मेढ़ी होती हैं। इनकी संतानों में लड़के अधिक होते हैं। ये बिना रोग के ही रोगी बनी रहती हैं। इनका पति सुंदर और गुणवान होता है।
- अपने झगड़ालू स्वभाव के कारण ये परिवार को क्लेश पहुंचाती हैं। इनके पति इनसे दु:खी होते हैं। धार्मिक कार्यों के प्रति इनकी आस्था नहीं होती। इन्हें स्वादिष्ट भोजन पसंद होता है। इनके कई गर्भ खंडित हो जाते हैं। इनके दुष्ट स्वभाव के कारण ही परिवार में भी इनकी पूछ-परख नहीं होती।
4. पुंश्चली
- पुंश्चली स्वभाव की लड़कियों के मस्तक का चमकीला बिंदु भी मलीन दिखाई देता है। इस स्वभाव वाली महिलाएं अपने परिवार के लिए दु:ख का कारण बनती हैं। इनमें लज्जा नहीं होती और ये अपने हाव-भाव से कटाक्ष करने वाली होती हैं। इनके हाथ में नव रेखाएं होती हैं जो सिद्ध (पुण्य, पद्म), स्वस्तिक आदि उत्तम रेखाओं से रहित होती हैं।
- इनका मन अपने पति की अपेक्षा पर पुरुषों में अधिक लगता है। इसलिए कोई इनका मान-सम्मान नहीं करता। सभी इनकी अपेक्षा करते हैं। पुंश्चली स्त्रियों में युवावस्था के लक्षण 12 वर्ष की आयु में ही दिखाई देने लगते हैं। इनकी आंखें बड़ी और हाथ-पैर छोटे होते हैं। स्वर तीखा होता है।
- यदि ये किसी से सामान्य रूप से बात भी करती हैं तो ऐसा लगता है कि जैसे ये विवाद कर रही हैं। इनकी भाग्य रेखा व पुण्य रेखा छिन्न-भिन्न रहती है। इनके हाथ में दो शंख रेखाएं व नाक पर तिल होता है।
5. पद्मिनी
- समुद्र शास्त्र के अनुसार पद्मिनी स्त्रियां सुशील, धर्म में विश्वास रखने वाली, माता-पिता की सेवा करने वाली व अति सुंदर होती हैं। इनके शरीर से कमल के समान सुगंध आती है। यह लंबे कद व कोमल बालों वाली होती हैं। इसकी बोली मधुर होती है।
- पहली नजर में ही ये सभी को आकर्षित कर लेती हैं। इनकी आंखें सामान्य से थोड़ी बड़ी होती हैं। ये अपने पति के प्रति समर्पित रहती हैं। इनके नाक, कान और हाथ की उंगलियां छोटी होती हैं। इसकी गर्दन शंख के समान रहती है व इनके मुख पर सदा प्रसन्नता दिखाई देती है।
- पद्मिनी स्त्रियां प्रत्येक बड़े पुरुष को पिता के समान, अपनी उम्र के पुरुषों को भाई तथा छोटों को पुत्र के समान समझती हैं। यह देवता, गंधर्व, मनुष्य सबका मन मोह लेने में सक्षम होती हैं। यह सौभाग्यवती, अल्प संतान वाली, पतिव्रताओं में श्रेष्ठ, योग्य संतान उत्तपन्न करने वाली तथा आश्रितों का पालन करने वाली होती हैं।
ज्योतिष में स्वाभाव के बारे में ये भी बताया गया है, पढ़ें
हथेली के ये 10 निशान होते हैं बहुत खास, जानिए इनसे जुड़े शुभ-अशुभ फल
हथेली की इन रेखाओं और निशानों से जानिए आपको कब हो सकता है धन लाभ
हस्तरेखा: हथेली के तिल भी बताते हैं आपकी किस्मत से जुड़ी खास बातें
जिन लोगों की उंगलियों पर होता है तिल वो होते हैं किस्मत वाले, जानिए ऐसी ही खास बातें
समुद्र शास्त्र: नाक से भी जान सकते हैं व्यक्ति के स्वभाव और भविष्य के बारे में खास बातें
समुद्र शास्त्र: सोने का तरीका भी बताता है आपके नेचर से जुड़ी कई खास बातें
सामुद्रिक शास्त्र: इस ग्रंथ में लिखे हैं सौभाग्यशाली स्त्रियों के गुण और लक्षण
जानिए कैसा होता है अलग-अलग गर्दन वाले व्यक्तियों का स्वभाव
समु्द्र शास्त्र: स्त्रियों के गाल पर तिल होता है शुभ, डिंपल वाली लड़कियां होती हैं भाग्यशाली
समुद्र शास्त्र: बालों के रंग और आकार-प्रकार से भी जान सकते हैं व्यक्ति का नेचर और फ्यूचर
हथेली पर ऐसे निशान बनाते हैं राजयोग, ऐसे लोग को मिलता है जीवन का हर सुख
हथेली और कलाई के बीच होती है ये खास रेखाएं, इनसे जुड़ा होता है हमारी उम्र और किस्मत का राज
हथेली की इन रेखाओं से जान सकते हैं अपनी किस्मत से जुड़ी ये 10 खास बातें
भविष्य पुराण: इन 8 जगहों के आस-पास होता है जिनका घर, वे लोग सुखी नहीं रह पाते
भविष्य पुराण में बताए गए हैं सूर्यदेव के 12 स्वरूप, यही करते हैं सृष्टि का निर्माण और विनाश
जिन पुरुषों में होते हैं ऐसे शारीरिक लक्षण, वो होते हैं किस्मत वाले
भविष्य पुराण: शारीरिक लक्षणों से जानिए किन पुरुषों को नहीं मिल पाता किस्मत का साथ
अलग होता है हर व्यक्ति के नाखुनों का शेप, इससे जानिए कैसा है किसी व्यक्ति का स्वभाव
सामुद्रिक शास्त्र: पेट का आकार-प्रकार देखकर भी जान सकते हैं स्त्री-पुरुष के स्वभाव से जुड़ी खास बातें
समुद्र शास्त्र से जानिए पैरों के शेप के आधार पर कैसा हो सकता है किसी व्यक्ति का स्वभाव
चलने के तरीके से जान सकते हैं लड़कियों का नेचर और उन पर किस ग्रह का प्रभाव है
समुद्र शास्त्र: चेहरे का शेप देखकर भी जान सकते हैं अपने और दूसरे के नेचर से जुड़ी खास बातें