सार

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने कैंसर की पहचान में डॉक्टर से 17% ज्यादा सटीकता दिखाई है। इसका खुलासा यूसीएलए की हालिया रिपोर्ट में हुआ है।

हेल्थ डेस्क: कैंसर जैसी लाइलाज बीमारी का अगर समय रहते पता लग जाए, तो इसकी रोकथाम बेहतर तरीके से की जा सकती है और इस बीमारी से बचा जा सकता है। हाल ही में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, लॉस एंजिल्स के एक रिसर्च में खुलासा हुआ है कि डॉक्टर से ज्यादा एक्यूरेसी यानी कि सटीकता से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ने कैंसर की पहचान की है। यह रिसर्च कैंसर के शुरुआती स्टेज और उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। आइए आपको बताते हैं इस हालिया रिपोर्ट के बारे में...

AI से होगी कैंसर की पहचान

इस बात में कोई दो राह नहीं है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लगभग हर क्षेत्र में बेहतरीन काम कर रहा है। इसका हालिया उदाहरण मेडिकल फील्ड में देखने मिला, जहां पर यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया लॉस एंजिल्स के 7 यूरोलॉजिस्ट और 3 रेडियोलॉजिस्ट ने 50 कैंसर के केस पर स्टडी की और उन्होंने पाया कि डॉक्टर की तुलना में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कैंसर की पहचान करने में 17% अधिक सटीक है। यह अंतर वहां बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, जहां कैंसर की पहचान करना कठिन होता है। डॉक्टर का मानना है कि AI के उपयोग से भविष्य में कैंसर के इलाज में मदद मिलेगी और जल्द से जल्द कैंसर को पहचान भी जा सकता है।

AI और डॉक्टर मिलकर करेंगे कैंसर का इलाज

रिसर्च ने यह सुझाव दिया है कि AI और डॉक्टर के एक साथ काम करने से कैंसर की पहचान में सबसे अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। AI की सटीकता और डॉक्टर के एक्सपीरियंस का मेल एक इफेक्टिव ट्रीटमेंट प्रोसेस बना सकता है। AI की सहायता से कैंसर की प्रारंभिक पहचान में सुधार हुआ है, इससे समय पर उपचार शुरू करने की संभावना बढ़ जाती है और मरीजों के जीवित रहने की दर में भी सुधार हो सकता है। यह रिसर्च कई प्रकार के कैंसर पर केंद्रित था, जिसमें फेफड़े, स्तन और प्रोटेस्ट कैंसर शामिल है। AI ने इन सभी प्रकार के कैंसर की पहचान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

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