वीडियो डेस्क। देश में करोना के हालात गंभीर हैं। मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। कोरोना से बचाव के लिए सावधानी बरतनी बहुत जरूरी है। कोरोना की दूसरी लहर खतरनाक होती जा रही है। एक दिन में 80 हजार केस निकले हैं जो ये बताता है कि हम खतरे के साए में जी रहे हैं। 'देश में करोना के हालात गंभीर हैं। मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अगर कोरोना गांवों में फैला तो काबू पाना मुश्किल होगा। कोरोना से बचाव के लिए सावधानी बरतनी बहुत जरूरी है। ये कहना है मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के चिरायु हॉस्पिटल के चैयरमेंन डॉक्टर अजय गोयनका का। डॉक्टर अजय गोयनका अब तक 20 हजार से ज्यादा कोरोना मरीजों का इलाज कर चुके हैं। उन्होंने कोरोना के तमाम पहलुओं पर एशियानेट न्यूज हिन्दी से बातचीत की।
करोना की गति तेज होने के 5 क्या कारण है?
संख्या बढ़ने का बड़ा कारण यह भी है कि अब लोगों का मानना है कि उनमें हर्ड इम्यूनिटी आ गई है, अब उनको कोरोना नहीं होगा। जनवरी के बाद से लोगों में गलतफहमियां आ गई हैं। अब नियमों का पालन नहीं हो रहा। देश में रैलियां हो रही हैं, यात्राएं बढ़ गई हैं। लोग बाजारों में खरीदारी कर रहे हैं। जिसके कारण वायरस को फैलने का मौका मिला है।
क्या सावधानी ही कोरोना का समाधान है?
जनता का अहम रोल है। बाकी प्रशासन का भी रोल है। राजनीतिक पार्टियों को रैलियों में भीड़ इकट्ठा नहीं करनी चाहिए। यदि नेता रैलियों में भीड़ को न जुटाएं तो लोगों को लगेगा कि हालात खतरनाक हैं। नेता जनता से कहते हैं कि भीड़ मत करो और चुनाव में भीड़ इकट्ठा करके रैलियां कर रहे हैं। इससे हालात और बिगड़ रहे हैं।
दुनिया के कई देश फिर से लॉकडाउन की ओर बढ़ रहे हैं, क्या भारत में भी ऐसे हालात बन रहे हैं?
हमें अभी लॉकडाउन नहीं चाहिए। हमें सख्ती की जरूरत है, हम यात्राओं पर रोक लगाएं, लोगों को घरों से काम करना चाहिए। पहले सरकार ने लॉकडाउन इसलिए लगाया क्योंकि हालात को समझने के लिए, हेल्थ सिस्टम को सुधारने के लिए लॉकडाउन की जरूरत थी। अगर आम जनता नियमों का पालन करें तो लॉकडाउन की कोई जरूरत नहीं है।