सार
द्रोणाचार्य पुरस्कार (Dronacharya Award) के चयनितों की सूची में शामिल नहीं किए जाने से नाराज हॉकी कोच संदीप सांगवान (Sandeep Sangwan) को दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) से राहत मिली है। कोर्ट ने सांगवान की याचिका पर केंद्र सरकार नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
स्पोर्ट्स डेस्क: हॉकी कोच संदीप सांगवान (Sandeep Sangwan) की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। सांगवान ने द्रोणाचार्य पुरस्कार (Dronacharya Award) के चयनितों की सूची में नाम शामिल नहीं किए जाने से नाराज होकर दिल्ली हाई कोर्ट की शरण ली थी। कोर्ट ने संदीप के दावे को सही मानते हुए इस मामले में उन्हें राहत दी। संदीप ने अपनी याचिका में उन्हें द्रोणाचार्य पुरस्कार के चयनितों की सूची में शामिल करने के लिए हाई कोर्ट से गुजारिश की थी। इस मामले की सुनवाई जस्टिस रेखा पल्ली कर रही हैं। आपको बता दें कि शनिवार को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद खेल पुरस्कार प्रदान करेंगे।
संदीप का दावा मजबूत:
संदीप सांगवान ने दावा किया है कि वे द्रोणाचार्य पुरस्कार के सच्चे हकदार हैं। मेरिट के आधार पर उन्हें सबसे पहले यह पुरस्कार दिया जाना चाहिए। सांगवान ने कहा कि खेल पुरस्कार 2021 की चयन समिति ने इस पुरस्कार के लिए उनके नाम की सिफारिश की थी। इस सिफारिश के बावजूद खेल मंत्रालय ने उनके नाम पर विचार नहीं किया। संदीप का केस सीनियर एडवोकेट राहुल मेहरा लड़ रहे हैं। मेहरा ने कहा कि संदीप एक योग्य कोच हैं और वे इस पुरस्कार के हकदार हैं।
संदीप ने याचिका में क्या लिखा...
संदीप ने अपनी याचिका में लिखा है कि उन्होंने टोक्यो ओलंपिक 2021 में भारतीय पुरुष हॉकी टीम को प्रशिक्षण दिया था। इस टीम ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था। सांगवान ने दावा किया कि इसके अलावा वह कई बड़े हॉकी खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दे चुके हैं। हॉकी कोच ने कोर्ट से गुजारिश की है कि वह सरकार और खेल मंत्रालय को निर्देशित करे कि वह खेल पुरस्कारों के लिए नई चयन सूची जारी करे। सांगवान ने दावा किया कि वे द्रोणाचार्य पुरस्कार प्राप्त करने के लिए तय मापदंडों पर पूरी तरह से खरे उतरते हैं।
यह भी पढ़ें:
T20 World Cup 2021: ताजा हो गई 11 साल पुरानी याद, तब माइक हसी ने किया था कमाल