सार

हरिद्वार में दिसंबर में हुई धर्म संसद में सोमवार को एक और एफआईआर दर्ज की गई है। इस मामले में जितेंद्र त्यागी समेत 9 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। उत्तराखंड के डीजीपी (DGP) अशोक कुमार ने यह जानकारी दी। इस मामले की जांच एसआईटी (SIT) की रही है। 

हरिद्वार। पिछले दिनों यहां आयोजित धर्म संसद (Dharma Sansad) में विवादास्पद टिप्पणी मामले की एसआईटी जांच हो रही है। सोमवार को इस मामले में जितेंद्र त्यागी समेत 9 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नई एफआईआर में वसीम रिजवी (अब जितेंद्र त्यागी) यती नरसिंहानंद, अन्नपूर्णा का नाम शामिल है। यह FIR थाना ज्वालापुर पुलिस स्टेशन में दर्ज हुई है। 

धर्म विशेष के खिलाफ भड़काऊ भाषण का आरोप
हरिद्वार के खड़खड़ स्थित वेद निकेतन में 17 से 19 दिसंबर तक धर्मसंसद का आयोजन किया गया था। आरोप है कि इसमें कुछ लोगों ने हेट स्पीच (Hate Speach) दी थी। इनके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए, जिसके बाद ज्वालापुर निवासी गुलबहार कुरैशी की शिकायत पर पुलिस ने यूपी शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी के खिलाफ धार्मिक उन्माद फैलाने का मामला दर्ज कराया था और वायरल वीडियो के तूल पकड़ने के बाद हरिद्वार कोतवाली पुलिस सक्रिय हो गई।

एसआईटी का किया गठन
इस मामले में एसआईटी का गठन किया गया है। गढ़वाल डीआईजी केएस नाग्याल ने बताया था कि हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद में विवादित बयान देने के आरोप हैं और हरिद्वार में भी इस मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मामले में एक संप्रदाय के लोगों का आरोप है कि निष्पक्ष जांच और कार्रवाई नहीं की जा रही है। इसके बाद एसआईटी गठित की गई थी। 

6 दिसंबर को वसीम रिजवी बने थे जितेंद्र त्यागी 
उत्तर प्रदेश के शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन सैयद वसीम रिजवी धर्म परिवर्तन के बाद अब जितेंद्र नारायण त्यागी बन चुके हैं। उन्होंने अपने पिता का नाम भी बदल लिया है। 6 दिसंबर को वसीम रिजवी इस्लाम धर्म छोड़कर हिंदू धर्म अपनाते हुए जितेंद्र नारायण त्यागी बन गए थे। गाजियाबाद के डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने उन्हें सनातन धर्म में शामिल कराया था। इस धर्म परिवर्तन के बाद त्यागी धर्म संसद में शामिल हुए थे। 

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