इस साल दीपावली पर तिथियों को लेकर दुर्लभ योग बन रहे हैं। 25 अक्टूबर की सुबह द्वादशी तिथि और शाम को धनतेरस रहेगी।
हिंदू धर्म में अनेक परंपराएं हैं। इनमें से बहुत-सी परंपराएं संतान के जन्म से भी जुड़ी हैं जैसे- गर्भाधान संस्कार, पुंसवन संस्कार आदि।
आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। इस पूर्णिमा पर महालक्ष्मी की आराधना कर व्रत भी किया जाता है।
माथे की ये रेखाएं विभिन्न ग्रहों से प्रभावित होती हैं। जानिए मस्तक पर कौन-कौन सी रेखाएं होती हैं व उनका किसी व्यक्ति के स्वभाव पर क्या प्रभाव पड़ता है।
किसी भी क्षेत्र में सफलता पाने के लिए लगातार परिश्रम व प्रयास करते रहना जरूरी है। परिश्रम के अभाव में सफलता नहीं मिलती। कुछ लोग सफल होने के लिए शार्ट कट अपनाते हैं। भविष्य में इन्हें अपनी गलती का अहसास होता है, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।
इस बार दीपावली से पहले खरीदी के लिए 2 शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। 21 अक्टूबर सोमवार को सोम पुष्य और 22 अक्टूबर मंगलवार को मंगल पुष्य होने से ये दोनों दिन खरीदी के लिए खास रहेंगे।
आश्विन मास की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहते हैं। यूं तो हर माह में पूर्णिमा आती है, लेकिन शरद पूर्णिमा का महत्व उन सभी से कहीं अधिक है।
हिंदू धर्म में गंगा नदी को बहुत पवित्र माना गया है। ग्रंथों में गंगा को देव नदी भी कहा गया है। विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों में गंगा जल का उपयोग भी किया जाता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पापांकुशा एकादशी कहते हैं। इस एकादशी पर मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।
राजस्थान में स्थित करणी माता का मंदिर अपनी विशेषता के लिए देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। ये विशेषता है इस मंदिर में पाए जाने वाले चूहे और वो भी 1-2 नहीं हजारों की संख्या में।