26 दिसंबर, गुरुवार को साल 2019 का अंतिम सूर्यग्रहण होगा। ग्रहण में किए गए उपाय बहुत ही जल्दी शुभ फल प्रदान करते हैं।
ईश्वर के पुत्र जीसस इस धरती पर लोगों को जीवन की शिक्षा देने के लिये आए थे। जीसस ने कहा था कि ईश्वर सभी लोगों से प्यार करते हैं तथा हमें प्रेम को जीवन में अपनाकर ईश्वर की सेवा करनी चाहिये।
इस बार 26 दिसंबर, गुरुवार को कंकणाकृति सूर्यग्रहण है। वैसे तो ग्रहण को अशुभ माना जाता है, लेकिन इस दौरान किए गए ज्योतिषीय उपायों से जल्दी ही शुभ फल मिलते हैं।
मान्यता है कि प्रभु यीशु ने ही ईसाई धर्म की स्थापना की। ईसाई धर्म के प्रमुख ग्रंथों बाइबिल और न्यू टेस्टामेंट के आधार पर ईसा मसीह के प्रारंभिक जीवन की जानकारी प्राप्त होती है।
खुशी और उत्साह का प्रतीक क्रिसमस ईसाई समुदाय का सबसे बड़ा त्योहार है। ईसाई समुदाय द्वारा यह त्योहार 25 दिसंबर को यीशु मसीह के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है।
आचार्य चाणक्य ने नीतिशास्त्र की रचना की थी। इस ग्रंथ में सुखी और सफल जीवन के लिए नीतियां बताई गई हैं। अगर इन सूत्रों को अपना लिया जाए तो हम कई परेशानियों से बच सकते हैं।
हिंदू धर्म में की जाने पूजा में मंत्रों का विशेष महत्व है। धर्म ग्रंथों के अनुसार मंत्रों का असर बहुत प्रभावी होता है। इनके असर से ग्रहों की विपरीत दशा का प्रभाव दूर कर सुख, शांति और सफलता पाई जा सकती है।
विवाह, जन्मदिन या किसी अन्य शुभ अवसर पर उपहार देने की परंपरा पुराने समय से चली आ रही है। काफी लोग देवी-देवताओं की मूर्तियां भी उपहार में देते हैं।
पौष मास के कृष्णपक्ष की एकादशी को सफला एकादशी कहते हैं। इस बार यह एकादशी 22 दिसंबर, रविवार को है।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, शुक्राचार्य दैत्यों के गुरु थे, साथ ही अच्छे नीतिकार भी थे। शुक्राचार्य की नीतियां आज के समय में भी प्रासंगिक हैं।