सार
Koun Hai Bhagwan Dhanvantari: दिवाली उत्सव 5 दिनों तक मनाया जाता है। इस उत्सव के पहले दिन धनतेरस का पर्व मनाया जाता है। धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है। भगवान धन्वंतरि कौन हैं? आगे जानिए इनकी कथा…
Dhanteras Par Kyo Karte Hai Bhagwan Dhanvantari Ki Puja: हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर धनतेरस का पर्व मनाया जाता है। ये दीपावली उत्सव का पहला दिन होता है। धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि की पूजा विशेष रूप से की जाती है। भगवान धन्वंतरि कौन हैं, किसके अवतार हैं, इनकी पूजा धनतेरस पर ही क्यों की जाती है? इसके बारे में धर्म ग्रंथों में विस्तार से बताया गया है। आगे जानिए भगवान धन्वंतरि से जुड़ी रोचक बातें…
किस देवता के अवतार हैं धन्वंतरि?
धर्म ग्रंथों में भगवान विष्णु के 24 अवतार बताए गए हैं, धन्वंतरि भी इनमें से एक है। जब देवताओं और असुरों ने मिलकर समुद्र मंथन किया तो उसमें से कईं रत्न जैसे अप्सराएं, ऐरावत हाथी, कल्पवृक्ष, कौस्तुभ मणि आदि चीजें निकलीं। सबसे अंत में भगवान धन्वंतरि अमृत का कलश लेकर समुद्र से बाहर निकले। इस अमृत को पाने के लिए देवताओं और असुरों में भयंकर युद्ध हुआ। बाद में भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप लेकर ये अमृत कलेश भगवान धन्वंतरि से ले लिया और छल से देवताओं को पिला दिया।
आयुर्वेद के जनक हैं धन्वंतरि
हिंदू धर्म में भगवान धन्वंतरि को आयुर्वेद का जनक कहा जाता है। मान्यता है कि भगवान धन्वंतरि के आशीर्वाद से बड़ी से बड़ी बीमारी भी ठीक हो जाती है और व्यक्ति को अच्छी सेहत मिलती है। भगवान धन्वंतरि की पूजा में कईं तरह की जीवनरक्षक औषधियां जैसे ब्राह्मी आदि विशेष रूप से चढ़ाई जाती है और हवन ने भी इनका उपयोग किया जाता है।
धनतेरस पर ही क्यों करते हैं पूजा?
हर साल दीपावली उत्सव के पहले दिन यानी धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि की पूजा विशेष रूप से की जाती है। इस बार ये पर्व 29 अक्टूबर, मंगलवार को मनाया जाएगा। मान्यता के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर ही भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर समुद्र से निकले थे। इसलिए हर साल इसी तिथि पर भगवान धन्वतंरि की पूजा करने का विधान है।
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Disclaimer
इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।