ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पुष्य को नक्षत्रों का राजा माना गया है। मान्यता है कि इस नक्षत्र में खरीदी गई कोई भी वस्तु लंबे समय तक चलती है व शुभ फल प्रदान करती है।
जो सभी के प्रति द्वेष से मुक्त हैं और हर इंसान के लिए दया और दोस्ती का भाव रखते हैं, वे कृष्ण के प्रिय हैं। ऐसे लोग सभी प्रकार के मोह और अहंकार से मुक्त हैं।
कृष्ण स्वयं को अरबों सिर, नुकीले दांत और हथियारों के साथ प्रकट करते हैं। यह दृश्य काफी डरावने हैं। इन दृश्यों को देखकर अर्जुन जागृत हो उठता है और एक विनम्र भाव धारण कर लेता है।
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 17 अक्टूबर, गुरुवार को है।
हिंदू धर्म में शकुन-अपशकुन की मान्यता बहुत पुरानी है। विभिन्न संकेतों के माध्यम से शकुन-अपशकुन के बारे में जाना जा सकता है।
इस बार करवा चौथ (17 अक्टूबर, गुरुवार) पर ग्रहों का विशेष योग बन रहा है। ये योग सभी के लिए भाग्यशाली रहेगा।
गीता को एक पौराणिक कथा कहा जाता रहा है, लेकिन लोग यह नहीं समझ पाते कि 3200 साल पहले भी, कृष्ण सितारों की सटीक स्थिति बता सकते थे। गीता निश्चित रूप से मिथक नहीं है।
ज्योतिष शास्त्र में अनेक चीजों का प्रयोग किया जाता है। ऐसी ही एक चीज है कौड़ी। यह समुद्र से निकलती हैं और सजावट के काम भी आती है।
कार्तिक मास की अमावस्या पर दीपावली का पर्व मनाया जाता है। दीपावली का त्योहार भारतीय सभ्यता, संस्कृति का एक सर्व प्रमुख त्योहार है।
15 अक्टूबर से दिवाली यानी 27 अक्टूबर तक कई विशेष योग बन रहे हैं, जिन्हें ज्योतिष की दृष्टि से शुभफल देने वाला माना गया है।