जशपुर, छत्तीसगढ़. यह तस्वीर कोरोना (Corona infection) को लेकर लोगों के डर और स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली दिखाती है। बगीचा ब्लॉक के घोघर गांव के 50 वर्षीय दिव्यांग सुखलाल को सर्दी-खांसी हुई, तो पूरे गांव ने मान लिया कि उसे कोरोना हुआ है। बस फिर क्या था, उससे दूरी बना ली। उसे हैंडपंप से पानी तक नहीं भरने दिया जा रहा था। नजदीक के रिश्तेदारों ने भी उससे मुंह मोड़ लिया। जब उसकी तबीयत बिगड़ी, तो पत्नी सीताबाई ने सरपंच से मदद मांगी। इसके बाद उसे पिकअप के जरिये प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (Primary Health Centre) लाया गया। यहां स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने भी उसे अंदर नहीं आने दिया। पिकअप में ही उसे चेक किया। फिर सीएससी बगीचा रैफर कर दिया। वहां भी बड़ी मुश्किल से उसे भर्ती किया गया। लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। पढ़ें इसी खबर के बारे में...