सार

खाटू श्याम भक्तों के लिए बड़ी खुशखबरी है। उन्हें जल्द ही रींगस से खाटू श्याम तक का सफर ट्रेन से करने की सुविधा मिलेगी। इससे उनका समय भी बचेगा और किराया भी कम लगेगा।

सीकर. राजस्थान के सीकर जिले में स्थित खाटू श्याम मंदिर जानेवाले भक्तों के लिए अच्छी खबर है। अब वे रींगस से खाटू श्याम भी ट्रेन से जा सकेंगे। क्योंकि 254 करोड़ रुपए की लागत से डलने वाली 17 किलोमीटर लंबी रेल लाइन को मंजूरी मिल गई है।

254.06 करोड़ की लागत से होगा काम

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में बताया कि 2024 में 254.06 करोड़ की लागत से 17.49 किलोमीटर लंबी रेल लाइन का काम होगा। इसके अतिरिक्त विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के लिए खाटूश्यामजी-सालासर-सुजानगढ़ के बीच 45 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन के लिए अंतिम सर्वेक्षण भी किया गया है।

पुरानी लाइनें भी नई डलेगी...

रेल मंत्री ने बताया कि राजस्थान में वर्तमान में जो भी रेलवे लाइन है, वह ब्रिटिश काल के दौरान बनाई गई थी। आजादी के बाद प्रदेश के अलग-अलग स्थानों और जिलों से बार-बार नई रेलवे लाइन की मांग लगातार उठाती रही। केवल 10% नई रेल लाइन बिछाई गई। लेकिन अब रेलवे इन लाइनों के विकास और विस्तार को लेकर काफी गंभीर है।

54 रेल परियोजनाओं के लिए स्वीकृति

नई रेलवे लाइनों का सर्वेक्षण किया जा रहा है और उनकी उपयोगिता और यात्रीभार की जांच की जा रही है। इसी क्रम में वर्तमान में राजस्थान में 4894 किलोमीटर की 54 रेल परियोजनाओं के सर्वेक्षण के कार्य स्वीकृत किए गए हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत वर्ष 2024 से 25 के दौरान राजस्थान राज्य में पूर्ण या आंशिक रूप से आने वाली 23 नई रेल लाइन और 31 दोहरीकरण के कार्य स्वीकृत किए गए हैं। जिनकी कुल लंबाई 4894 किलोमीटर है।

यह भी पढ़ें : मेरठ में बीच सड़क पर बहन ही हत्या, 20 मिनट तक पड़ा रहा शव, तमाशा देखते रहे लोग

श्रद्धालुओं को नहीं होना पड़ेगा परेशान

आपको बता दे कि वर्तमान में रेलवे की लाइन रींगस तक ही है। जो सीकर के खाटू कस्बे से करीब 17 किलोमीटर दूर है। ऐसे में भक्त ट्रेन के जरिए रींगस तक जाते हैं। इसके बाद बस या छोटी गाड़ियों के जरिए खाटू पहुंचते हैं। लेकिन अब रेलवे लाइन पर ट्रेनों का आवागमन शुरू होने के बाद श्रद्धालु सीधे ट्रेन के जरिए खाटू पहुंचेंगे।

यह भी पढ़ें : पुलिसवालों की काली करतूत : तबादले के नाम पर महिला कांस्टेबल को भी नहीं छोड़ा