यूपी में जौनपुर पुलिस ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है। यह गिरोह पंचायत अधिकारियों की लॉगिन आईडी ₹20-25 हजार में किराए पर लेकर अवैध प्रमाण पत्र बनाता था। इस मामले में 8 लोग गिरफ्तार हुए हैं।

Uttar Pradesh News : जौनपुर पुलिस ने अवैध ओरिजिनल जन्म प्रमाण पत्र बनाने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। जिसमें गैंग द्वारा कई ग्राम पंचायत अधिकारियों के आईडी से हजारों जन्म प्रमाण पत्र बनाने का मामला सामने आया है। पुलिस ने 500 के आसपास जन्म प्रमाण पत्र बरामद किए हैं जिन्हें कैंसिल करने के लिए पत्र लिखा जाएगा पुलिस ने बताया कि यह आईडी एक दिन के लिए ₹20 ₹25 रेंट पर बेची जाती है। इससे महाराष्ट्र ,बंगाल क्षेत्र में बैठे लोगों के फर्जी ओरिजिनल आईडी बनाए जाते हैं। जिससे वह आगे आधार कार्ड सहित किसी भी दस्तावेज बनवाने में मदद मिलती है। यह बहुत बड़ा स्कैम है जिसको खुलासा किया गया है। ।

अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश

जौनपुर पुलिस कमिश्नर एक अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है। जो महाराष्ट्र उत्तराखंड एवं यूपी के ग्राम पंचायत अधिकारियों के लॉगिन आईडी से अवैध रूप से ओरिजिनल जन्म प्रमाण पत्र बनाने का काम करते थे। पुलिस ने पांच लोग अंकित यादव (23) जिला मऊ, गौतम (22) बुद्ध नगर निवासी राज कुमार उर्फ विक्की, राशिद (26) अमरोहा, अभिषेक गुप्ता (31) आलमनगर लखनऊ को गिरफ्तार किया है। इनके पास से 9 एंड्रॉयड मोबाइल एवं चार लैपटॉप बरामद हुए हैं।

जानिए यूपी पुलिस ने कैसे किया बड़ा खुलासा

पुलिस ने बताया कि जलालपुर निवासी रतन कुमार द्वारा अपनी लड़की का जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए विजय यादव बनाने को दिया था। विनय द्वारा लड़की का फर्जी जन्म प्रमाण पत्र तैयार करके दिया गया। जब इसका जांच सीएमओ ऑफिस जौनपुर में कराया तो कार्यालय द्वारा ज्ञात हुआ कि यह फर्जी प्रमाण पत्र है। इसके बाद इसकी जांच की गई तो पता चला कि विनय यादव का एक गैंग है। गैंग में राम भारत मौर्य चंदौली निवासी द्वारा फर्जी, रक्षित जन्म प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र आदि दस्तावेज तैयार कर लोगों को ठगने का काम करते हैं।

पूरा रैकेट डेढ़ साल से काम कर रहा था

जौनपुर एसपी ने बताया की ओरिजिनल जन्म प्रमाण पत्र फर्जी तरीके से बनाने का काम चल रहा था। इसमें महाराष्ट्र, उत्तराखंड एवं यूपी के विभिन्न हिस्सों के अधिकारियों के लॉगिन आईडी से अवैध रूप से ओरिजिनल डॉक्यूमेंट बनाए जा रहे थे। यह पूरा रैकेट डेढ़ साल से काम कर रहा था। डेढ़ साल में हजार से भी अधिक अवैध तरीके से जन्म प्रमाण पत्र बनाए गए हैं। हमारे द्वारा 500 से अधिक रिकवर हुए हैं। जो प्रमाण ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा इसको इशू किया गया हम उनको लेटर लिखेंगे की इसको कैंसिल करें।

ये लोग कैसे बनाते थे फर्जी आईडी 

पुलिस ने एक दस्तावेज दिखाते हुए बताया कि इसमें जो व्यक्ति है, वह उसके माता और पिता का जो एड्रेस है वह वेस्ट बंगाल का है, एक मुस्लिम महिला हैं। यह ग्राम पंचायत समलेश्वरी महाराष्ट्र से बना हुआ है। जन्म प्रमाण पत्र बना है वह महाराष्ट्र है। इसके बेसिस पर आधार कार्ड भी बन जाता, आधार के बेसिस पर कोई भी सर्टिफिकेट बनाया जा सकता है। तो यह इतना बड़ा रैकेट है जिसका इफेक्ट पूरे नेशनल लेवल पर है। इसमें आठ लोग गिरफ्तार हुए हैं। जलालपुर में एक मुकदमा पंजीकृत हुआ तब तीन लोग गिरफ़्तार हुए थे आज बाकी पांच को जेल भेज रहे हैं। गैंग का लास्ट लेयर था। उसके पास बहुत सारे ग्राम पंचायत अधिकारियों के आईडी लॉगिंग थे। वह एक दिन के लिए ₹20 - 25 हजार पर बेचता था। वो लोग बहुत से फर्जी प्रमाण पत्र बनाते थे। वो लोग 600-700 में प्रणाम पत्र बना कर बेचते थे।