उन्नाव की पीड़िता का केस वहां पर दर्ज नहीं हुआ, उसका केस रायबरेली में दर्ज हुआ, वह खुद ट्रेन लेकर रायबरेली जाती थी..उसकी मदद कर रही थी उसकी भाभी,अन्याय के खिलाफ सारी लड़ाइयां महिलाएं लड़ रही हैं...अत्याचार के खिलाफ लड़ रही पीड़िताओं से प्रेरणा लेकर ही ये नारा निकला है कि 'लड़की हूं लड़ सकती हूं', महिलाओं बहुत बड़ी फोर्स हैं। अगर ये फोर्स एकजुट हो जाए तो परिवर्तन निश्चित है...