Kab Hai Hanuman Jayanti 2024: हर साल चैत्र महीने के अंतिम दिन यानी पूर्णिमा तिथि पर हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाता है। इसे हनुमान जयंती भी कहते हैं। इस बार ये पर्व अप्रैल 2024 के अंतिम सप्ताह में मनाया जाएगा।
Kamda Ekadashi 2024: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। इस तिथि पर भगवान विष्णु की विशेष पूजा होती है और व्रत भी किया जाता है। इस बार अप्रैल महीने में कामदा एकादशी का व्रत किया जाएगा।
Jawara Visarjan 2024: इस बार चैत्र नवरात्रि का पर्व 9 अप्रैल, मंगलवार से शुरू हो चुका है। 17 अप्रैल को इसका समापन होगा। नवरात्रि के अगले दिन यानी दशमी तिथि को जवारे विसर्जन किए जाते हैं।
Somvati Amavasya 2024 Puja Vidhi: हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। जब अमावस्या तिथि सोमवार को होती है ये इसे सोमवती अमावस्या कहते हैं। इसका महत्व सबसे अधिक माना गया है। साल 2024 की पहली सोमवती अमावस्या 8 अप्रैल को है।
Gangaur Teej 2024 Date: चैत्र मास में नवरात्रि के दौरान गणगौर तीज का व्रत किया जाता है। इस व्रत में शिव-पार्वती की पूजा का विधान है। वैसे तो ये राजस्थान का लोक उत्सव है, लेकिन पूरे देश में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है।
Papmochani Ekadashi 2024 Date: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि को बहुत ही पवित्र माना गया है। इसलिए इस तिथि पर भगवान विष्णु की विशेष पूजा और व्रत किया जाता है। अप्रैल 2024 के पहले सप्ताह में पापमोचनी एकादशी का व्रत किया जाएगा।
Aaj Ka Panchang: 24 मार्च, रविवार को फाल्गुन पूर्णिमा तिथि रहेगी। इस दिन होलिका पूजन और दहन किया जाएगा। रविवार को छत्र, मित्र, गण्ड और वृद्धि नाम के 2 अन्य योग भी रहेंगे। राहुकाल शाम 05:04 से 06:35 तक रहेगा।
Gudi Padwa 2024 Date: गुड़ी पड़वा हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इसी दिन से हिंदू नववर्ष की शुरूआत भी होती है। वैसे तो ये पर्व पूरे देश में मनाया जाता है लेकिन महाराष्ट्र में इसकी रौनक देखते ही बनती है।
Amalaki Ekadashi 2024 Date: एकादशी तिथि का महत्व अनेक धर्म ग्रंथों में बताया गया है। साल में कुल 24 एकादशी आती है। इन सभी का नाम, महत्व और कथा अलग-अलग है। इस तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा का विधान है।
Vinayak Chaturthi March 2024: भगवान श्रीगणेश को प्रथम पूज्य कहा जाता है। हर महीने की चतुर्थी पर इन्हें प्रसन्न करने के लिए विशेष पूजा व व्रत करने का विधान भी है। इसे विनायकी चतुर्थी कहते हैं।