ज्योतिष का ही एक अंग है हस्तरेखा। इसके अंतर्गत हथेली की हर छोटी-छोटी रेखाओं के बारे में बताया गया है। हस्तरेखा शास्त्र में कुछ रेखाओं को बहुत शुभ माना गया है तो कुछ रेखाओं बहुत ही अशुभ।
हर नवविवाहित जोड़े के मन में बच्चों को लेकर कई सपने होते हैं और साथ ही कई सवाल भी। हर ज्योतिषी और हस्तरेखा विशेषज्ञ व जानकारों से सबसे पहला और ज्यादा पूछे जाने वाले सवाल संतान से संबंधित ही होते हैं।
हस्तरेखा शास्त्र (Palmistry) एक बहुत ही प्राचीन विधा है, जिसमें हथेली में बनी रेखाओं का आंकलन करके व्यक्ति के भविष्य के संबंध में जानकारी दी जाती है। हथेली की रेखाएं सदैव एक जैसी नहीं रहती हैं। ये समय समय पर बदलती रहती हैं। जिसके कारण हथेली में कई प्रकार के चिह्नों का निर्माण होता है। कई बार ये चिह्न अशुभ होते हैं तो कई बार ये व्यक्ति का भाग्य चमका देते हैं।
हस्तरेखा शास्त्र (palmistry) के अनुसार हथेली पर कई तरह के शुभ और अशुभ दोनों तरह की लकीरें बनी हुई होती हैं। इन लकीरों के अतिरिक्त हथेली पर कई तरह के पर्वत भी बने हुए होते हैं। हस्तरेखा शास्त्र (palmistry) में पर्वत की विशेष भूमिका होती है।
शनि की कृपा होने से व्यक्ति के जीवन में खुशी और सुख-समृद्धि आती है और व्यक्ति तरक्की करते हुए सफलता की सीढ़ियों पर चढ़ता चला जाता है।
हस्तरेखा विज्ञान में हथेली की रेखाओं के अलावा हाथ में पाए जाने वाले प्रत्येक प्रकार के चिह्न जैसे नक्षत्र, द्वीप, वर्ग, आयत, वृत्त, क्रॉस आदि का अध्ययन करके भविष्य कथन किया जाता है। ऐसा ही एक चिह्न है वलय।
हथेली की लकीरों का गहराई से अध्ययन करके यह आसानी से जाना जा सकता है कि किस व्यक्ति का वैवाहिक जीवन कैसा होगा? विवाह रेखा के आधार पर ही व्यक्ति के वैवाहिक जीवन के बारे में भविष्यवाणी की जा सकती है।
हस्तरेखा शास्त्र में आमतौर पर किसी भी रेखा का डबल होना शुभ माना जाता है। लेकिन यदि हम बात भाग्य रेखा की करें, तो यहां मामला जरा अलग है।
हस्तरेखा के अनुसार हथेली की हर रेखा का अपना एक खास महत्व है। इनमें से कुछ रेखाएं शुभ और तो कुछ अशुभ फल प्रदान करती हैं। कुछ रेखाएं ऐसी भी होती हैं जो अंगुली के नीचे स्थित पर्वत को घेरती हुई दिखाई देती हैं। इन्हें वलय कहा जाता है। आज हम आपको रवि वलय के बारे में बता रहे हैं।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार जब किसी व्यक्ति की जन्मकुंडली में सूर्य और बुध एक साथ हो तो बुधादित्य योग बनता है। बुधादित्य योग की गिनती ज्योतिष के शुभ योगों में की जाती है।