2020 में देश की GDP में आ सकती है 3 लाख करोड़ तक की कमी
आर्थिक मंदी के कारण भारत को 2.8 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हो सकता है। अक्सर आर्थिक विकास या गिरावट को प्रतिशत में मापा जाता है, लेकिन अगर वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद या जीडीपी और संभावित जीडीपी के बीच पूरा फर्क देखा जाए, तो ऐसा लगता है कि वित्त वर्ष 2020 में अर्थव्यवस्था में 2.8 लाख करोड़ रुपए की कमी आएगी।
आर्थिक मंदी के कारण भारत को 2.8 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हो सकता है। अक्सर आर्थिक विकास या गिरावट को प्रतिशत में मापा जाता है, लेकिन अगर वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद या जीडीपी और संभावित जीडीपी के बीच पूरा फर्क देखा जाए, तो ऐसा लगता है कि वित्त वर्ष 2020 में अर्थव्यवस्था में 2.8 लाख करोड़ रुपए की कमी आएगी।
जीडीपी और संभावित जीडीपी के बीच के अंतर को आउटपुट गैप भी कहा जाता है। मौद्रिक नीति निर्धारक इसका यह तय करते के लिए इस्तेमाल करते हैं कि अर्थव्यवस्था को कम या ज्यादा मौद्रिक प्रोत्साहन की जरूरत है।
ऑर्गनाइजेशन फॉर इकोनॉमिक को-ऑपरेशन एंड डेवलपमेंट के नवीनतम अनुमान के अनुसार, भारत की संभावित जीडीपी 7 फीसदी है, जबकि कई एजेंसियों के पूर्वानुमानों में वृद्धि का अनुमान मुश्किल से 5 फीसदी है।
हालांकि, अच्छी खबर यह है कि 5 प्रतिशत की वृद्धि के साथ अभी भी वास्तविक जीडीपी में एक बड़ी राशि जोड़ना जारी रखा जा सकेगा।