पंजाब चुनाव: कांग्रेस में कैसे CM फेस बने चरणजीत सिंह चन्नी, क्या हैं खूबियां, जो हाइकमान को पसंद आईं, Video
पंजाब की राजनीति में जट्टसिख लॉबी का दबदबा रहता है। इसके बाद भी जब चन्नी को मौका तो उन्होंने खुद को साबित किया। 2012 में सुनील जाखड़ पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता थे। अचानक 2015 में जाखड़ को हटाकर चन्नी को जिम्मेदारी दी गई। उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया।
चंडीगढ़। पंजाब चुनाव में कांग्रेस ने सीएम चरणजीत सिंह चन्नी को एक बार फिर बड़ी जिम्मेदारी दी है। पार्टी हाइकमान ने चन्नी पर दोबारा भरोसा जताया और सीएम फेस घोषित किया है। चन्नी तीन बार के विधायक हैं और पंजाब की राजनीति में बड़े दलित चेहरा बनकर उभरे हैं। चन्नी को इससे पहले कोई प्रशासनिक अनुभव नहीं था। 3 महीने पहले ही वे तब अचानक चर्चा में आए, जब कांग्रेस ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाकर नए चेहरे की तलाश की और चन्नी को सीएम बना दिया। इसके बाद चन्नी ने अपने कामों की वजह से हाइकमान को प्रभावित कर दिया।
चन्नी की ये खूबियां...
- चन्नी रूपनगर जिले की श्रीचमकौर साहिब विधानसभा सीट से तीन बार के विधायक हैं। दलित समाज से आते हैं।
- चन्नी के बारे में कहा जाता है कि वे ज्यादा बोलते नहीं है। तामझाम से दूर रहते हैं। साधारण कार्यकर्ता की तरह व्यवहार करते हैं। जहां मन किया, काफिला रोका और चाय पीने बैठ गए। जहां कोई मिला, थम गए। बातचीत की। फिर आगे बढ़ गए।
- इन छोटी-छोटी चीजों ने चन्नी को सीएम की रेस में आगे खड़ा कर दिया और 111 दिन के काम ने हाइकमान पर गहरी छाप छोड़ दी।
- जैसे ही कैप्टन अमरिंदर सिंह सीएम पद से हटे तो चन्नी ने जिम्मेदारी संभाली और सबसे पहले राजसी टैग को हटाने की हरसंभव कोशिश की। इसमें वह कायमाब भी रहे। कालेज में एक कार्यक्रम में गए तो वहां स्टेट पर भंगड़ा डाला।
- मात्र 111 दिन में चन्नी ना सिर्फ सीएम पद की छवि को खास से आम बना दिया, बल्कि वह प्रदेशभर में लगातार चर्चा में रहने लगे। चन्नी के साधारण व्यवहार की वजह से तामझाम और स्टारडम पीछे रह गया।
- माना जाता है कि कैप्टन के सीएम पद पर रहते हुए पंजाब में वीवीआईपी कल्चर हावी था। जैसे ही चन्नी सीएम बने, उन्होंने अपनी सिक्योरिटी कम कर दी। सिक्योरिटी को किनारे कर लोगों से मिलने लगे।
- कभी हॉकी खेलने वाले के बीच पहुंच कर गोलकीपर बन गए। आधी रात तक लोगों की फरियाद सुनने लगे। बुजुर्गों के पैर छूने लगे। उनके गले लगने लगे।
- यहां तक कि दीवाली की रात बेघर लोगों के यहां पहुंचकर दीये जलाए। कभी बच्चों को सरकारी हेलिकॉप्टर में घुमाया।
- पंजाब में पेट्रोल-डीजल हरियाणा से महंगा है। चन्नी ने पेट्रोल-डीजल पर टैक्स कम कर दिया। इससे फ्यूल काफी हद तक सस्ता हो गया।
- बेघर लोगों को जमीन का मालिकाना हक जैसे कई ऐसे फैसले थे, जो सीधे जनता से जुड़े थे। चन्नी खुद को गरीब बताते हुए इन फैसलों से जोड़ते जा रहे थे।
- चन्नी ने कभी टैंट वाला तो कभी गाय का दूध निकालने की बात कहकर अपनी आम आदमी की छवि को मजबूत कर दिया।
- चन्नी पार्टी में काम करते रहे। कभी पद नहीं मांगा। यहां तक की सीएम बनने के बाद भी वह लगातार काम ही करते रहे।