प्यार के 5 साल बाद एक हुए 2 पहलवान, जानिए क्यों देशभर में चर्चा में है गांव में हुई यह शादी
अंतरराष्ट्रीय पहलवान बबीता फोगाट और भारत केसरी विवेक सुहाग की साधारण तरीके से हुई शादी असाधारण संदेश देकर गई। रविवार को चरखी दादरी के बलाली गांव में यह शादी हुई। इसने एक साथ कई मिथक तोड़े। कुछ नए संदेश भी दिए।
चरखी दादरी(हरियाणा). वर्ष 2016 में आमिर खान ने एक फिल्म 'दंगल' बनाई थी। यह फिल्म हरियाणा के बलाली गांव की बबीता-गीता फोगाट फैमिली के पहलवानी में संघर्ष और सफलता की कहानी थी। इसी बबीता ने रविवार को भारत केसरी पहलवान विवेक सुहाग के संग 8 फेरे लिए। 8वां फेरा इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' का संदेश दिया गया। यह संदेश इसलिए खास हो जाता है, क्योंकि हरियाणा में लड़कियों को लेकर भेदभाव एक बड़ी विडंबना रही है। बबीता और विवेक की मुलाकात 5 साल पहले सोनीपत के साई सेंटर में हुई थी। विवेक की सादगी पर बबीता मर मिटीं। बस यहीं से दोनों के प्यार की शुरुआत हुई। विवेक ने सिर्फ एक रुपए सगुन लेकर यह शादी की। वे दहेज के सख्त विरोधी हैं। दोनों चाहते तो किसी बड़े शहर में शादी कर सकते थे, लेकिन उन्होंने बलाली गांव से ही शादी करने की ठानी। क्योंकि दोनों को अपने गांव की माटी से बेपनाह प्यार है। बता दें कि विवेक ने 2018 में भारत केसरी का खिताब जीता था। फिलहाल वे रेलवे में नौकरी करते हैं। विवेक मूलत: झज्जर जिले के मातनहेल गांव से हैं। हालांकि विवेक अभी अपने करियर को देखते हुए दिल्ली के नजफगढ़ में रह रहे हैं। 18 मई को विवेक और बबीता की सगाई हुई थी। बबीता ने 2014 और 2018 के कॉमनवेल्थ गेम्स में रेसलिंग में गोल्ड मेडल जीता था। इस उपलब्धि को देखते हुए हरियाणा सरकार ने बबीता को पुलिस विभाग में सब इंस्पेक्टर की जॉब दी थी।