कोरोना पर नई रिसर्च से हो जाएं सावधान, डैंजरस हो सकता है AC बस में कोरोना का एक मरीज

वीडियो डेस्क। दुनिया के कई देशों में अब भी कोरोना का कहर जारी है। वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 2 करोड़ के पार पहुंच चुकी है। कोरोना संक्रमण के मामले में अमेरिका पहले पायदान पर है। ब्राजील दूसरे और भारत तीसरे पायदान पर है। भारत में अनलॉक का दायरा बढ़ाया जा रहा है और पब्लिक ट्रांसपोर्ट में भीड़ बढ़ रही है। इसलिए अब जिस रिसर्च के बारे में आपको बताने जा रहे हैं उससे आपको सावधान होना है।  अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन जर्नल में प्रकाशित रिसर्च के मुताबिक,  67 यात्रियों वाली एयरकंडीशन बस में अगर कोरोना का एक मरीज है तो वह 23 लोगों को संक्रमित कर सकता है। यह दावा चीनी रिसर्चर्स ने अपने अध्ययन में किया है। रिसर्च कहती है कि कोरोना वायरस बंद जगहों में तेजी से फैल सकता है।  पूर्वी चीन में दो में से एक बस में संक्रमण के ऐसे मामले मिले। जिस बस में एक ही हवा बार-बार सर्कुलेट हो रही थी। उसमें कोरोना के संक्रमण फैलने का रिस्क ज्यादा था।  यह रिसर्च उस समय चीन में हुई थी, जिस समय मास्क पहनना अनिवार्य नहीं किया गया था।बस में उन यात्रियों को कोरोना का संक्रमण हुआ जो या तो आगे बैठे थे या पीछे बैठे थे। संक्रमण के कण हवा से फैले।

/ Updated: Sep 05 2020, 07:00 PM IST
Share this Video
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Email

वीडियो डेस्क। दुनिया के कई देशों में अब भी कोरोना का कहर जारी है. दुनिया में इस वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 2 करोड़ के पार पहुंच चुकी है।  कोरोना संक्रमण के मामले में अमेरिका पहले पायदान पर है। ब्राजील दूसरे और भारत तीसरे पायदान पर है। भारत में अनलॉक का दायरा बढ़ाया जा रहा है और पब्लिक ट्रांसपोर्ट में भीड़ बढ़ रही है। इसलिए अब जिस रिसर्च के बारे में आपको बताने जा रहे हैं उससे आपको सावधान होना है।  अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन जर्नल में प्रकाशित रिसर्च के मुताबिक,  67 यात्रियों वाली एयरकंडीशन बस में अगर कोरोना का एक मरीज है तो वह 23 लोगों को संक्रमित कर सकता है। यह दावा चीनी रिसर्चर्स ने अपने अध्ययन में किया है। रिसर्च कहती है कि कोरोना वायरस बंद जगहों में तेजी से फैल सकता है।  पूर्वी चीन में दो में से एक बस में संक्रमण के ऐसे मामले मिले। जिस बस में एक ही हवा बार-बार सर्कुलेट हो रही थी। उसमें कोरोना के संक्रमण फैलने का रिस्क ज्यादा था।  यह रिसर्च उस समय चीन में हुई थी, जिस समय मास्क पहनना अनिवार्य नहीं किया गया था।बस में उन यात्रियों को कोरोना का संक्रमण हुआ जो या तो आगे बैठे थे या पीछे बैठे थे। संक्रमण के कण हवा से फैले।