रक्षाबंधन ऐसा भी! भाई नहीं पेड़ों को बांधी राखी, 12 साल से परंपरा निभा रहीं ये बहनें... देखें Video

करीब 12 साल से सुनसुनिया जंगल में रक्षाबंधन महोत्सव का आयोजन हो रहा है। पेड़ों की रक्षा के लिए जमुना टुडू पहले कुछ महिलाओं के साथ ही रक्षा बंधन मनाने जंगल पहुंचती थी। लेकिन अब सैकड़ों महिलाएं पेड़ों पर राखी बांधने के लिए पहुंचती है।

/ Updated: Aug 04 2022, 07:33 PM IST

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वीडियो डेस्क।  झारखंड में अनोखे तरीके से रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जाता है। आपने बहनों को भाई की कलाई पर राखी बांधते हुए देखा होगा। ये त्योहार भाई और बहन के प्रेम का प्रतीक है। लेकिन झारखंड में रक्षाबंधन कुछ और संदेश भी दे रहा है। यहां सैकड़ों की संख्या में महिलाएं साल पेड़ों पर राखी बांधती हैं और रक्षा का संकल्प लेती हैं। पारंपरिक वेश भूषा में आदिवासी महिलाएं पूरे उत्साह के साथ जंगल पहुंचती है और पारंपरिक गीत के साथ साल पेड़ों पर राखी बांधती हैं और आरती उतारती हैं। वन विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहते हैं। महिलाएं सिर्फ राखी ही नहीं बांधती बल्कि जंगल की रक्षा भी करती है। यही कारण है कि सुनसुनिया जंगल हर-भरा है। यहां किसी को पेड़ काटने की इजाजत नहीं है। इस साल यहां  14 अगस्त को सुनसुनिया जंगल में रक्षा बंधन महोत्सव मनाया जाएगा। नेतृत्व कर रहीं जमुना टुडू का कहती हैं कि इस महोत्सव में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा भी शामिल होंगे।   
करीब 12 साल से सुनसुनिया जंगल में रक्षाबंधन महोत्सव का आयोजन हो रहा है। पेड़ों की रक्षा के लिए जमुना टुडू पहले कुछ महिलाओं के साथ ही रक्षा बंधन मनाने जंगल पहुंचती थी। लेकिन अब सैकड़ों की संख्या में महिलाएं पूरे उत्साह और जोश के साथ पेड़ों पर राखी बांधने के लिए पहुंचती है। अब झारखंड के कई हिस्सों में इस तरह का कार्यक्रम का आयोजन होता है। महिलाएं पेड़ों पर रक्षा सूत्र बांध पेड़ो की रक्षा करने का संकल्प लेती है। 

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