7 दिन का शोक, झुका हुआ ध्वज और तोपों की सलामी....जानिए कैसे होता है भारत रत्न का अंतिम संस्कार?

वीडियो डेस्क। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का सोमवार शाम को निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार मंगलवार को उनके गृह जिले में किया जाएगा। राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार होगा। क्या आप जानते किस विधि विधान से होता है अंतिम संस्कार। राजकीय सम्मान में शव को तिरंगे से लपेटा जाता है। जिस व्यक्ति को राजकीय सम्मान देने का फैसला किया जाता है उनके अंतिम सफर का पूरा इंतजाम राज्य या केंद्र सरकार की तरफ से किया जाता है। 

/ Updated: Aug 31 2020, 10:59 PM IST

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वीडियो डेस्क। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का सोमवार शाम को निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार मंगलवार को उनके गृह जिले में किया जाएगा। राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार होगा। क्या आप जानते किस विधि विधान से होता है अंतिम संस्कार। राजकीय सम्मान में शव को तिरंगे से लपेटा जाता है। जिस व्यक्ति को राजकीय सम्मान देने का फैसला किया जाता है उनके अंतिम सफर का पूरा इंतजाम राज्य या केंद्र सरकार की तरफ से किया जाता है। जिस दिवंगत को राजकीय सम्मान दिया जाता है उसके अंतिम संस्कार के दौरान उस दिन को राष्ट्रीय शोक के तौर पर घोषित कर दिया जाता है और भारत के ध्वज संहिता के अनुसार राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुका दिया जाता है। इस दौरान एक सार्वजनिक छुट्टी घोषित कर दी जाती है। दिवंगत के पार्थिव शरीर को राष्ट्रीय ध्वज के ढक दिया जाता है और बंदूकों की सलामी भी दी जाती है। लेकिन आपको बता दें कि कई अवसरों पर भारत के राष्ट्रपति, सैन्य और वरिष्ठ नेताओं के अंतिम संस्कार के दौरान 21 तोपों की सलामी दी जाती है। देश के किसी भी भारत रत्न व्यक्ति को उसके पद के हिसाब से अंतिम विदाई दी जाती है।