GirlChildDay2020: अपने पैरों पर चलना भी है मुश्किल, फिर भी हजारों महिलाओं के लिए मिसाल है दिव्यांग पूनम

वीडियो डेस्क।   हर साल 11 अक्टूबर को 'इंटरनेशनल डे ऑफ गर्ल चाइल्ड' (International Day of the Girl Child )यानी कि 'अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस' मनाया जाता है। इसे मनाने की शुरुआत यूनाइटेड नेशन ने 2012 में की थी। इस दिन को मनाने के पीछे का मुख्य उद्देश्य था लड़कियों के विकास के लिए अवसरों को बढ़ाना और लड़कियों की दुनियाभर में कम होती संख्या के प्रति लोगों को जागरूक करना, जिससे कि लिंग असमानता को खत्म किया जा सके। एशियानेट न्यूज हिन्दी ने इस मौके पर बात की एक ऐसी लड़की से जिसने अपने हौंसले से अलग पहचान और मुकाम पाया है। दिव्यांग होने के बावजूद वो हिम्मत नहीं हारी आज एक मिसाल बन चुकी है।  इंटरनेशनल गर्ल्स चाइल्ड डे पर मुलाकात करिए मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में रहने वालीं मोटिवेशनल स्पीकर पूनम श्रोती (Poonam Shroti) से देखें कैसे हौसलों के आगे हार गई लाचारी।

/ Updated: Oct 11 2020, 04:06 PM IST
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वीडियो डेस्क।   हर साल 11 अक्टूबर को 'इंटरनेशनल डे ऑफ गर्ल चाइल्ड' (International Day of the Girl Child )यानी कि 'अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस' मनाया जाता है। इसे मनाने की शुरुआत यूनाइटेड नेशन ने 2012 में की थी। इस दिन को मनाने के पीछे का मुख्य उद्देश्य था लड़कियों के विकास के लिए अवसरों को बढ़ाना और लड़कियों की दुनियाभर में कम होती संख्या के प्रति लोगों को जागरूक करना, जिससे कि लिंग असमानता को खत्म किया जा सके। एशियानेट न्यूज हिन्दी ने इस मौके पर बात की एक ऐसी लड़की से जिसने अपने हौंसले से अलग पहचान और मुकाम पाया है। दिव्यांग होने के बावजूद वो हिम्मत नहीं हारी आज एक मिसाल बन चुकी है।  इंटरनेशनल गर्ल्स चाइल्ड डे पर मुलाकात करिए मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में रहने वालीं मोटिवेशनल स्पीकर पूनम श्रोती (Poonam Shroti) से देखें कैसे हौसलों के आगे हार गई लाचारी।