ISRO का स्पेस मिशन लॉन्च, 19 सैटेलाइट के साथ भगवत गीता लेकर PSLV-C51 ने भरी उड़ान
वीडियो डेस्क। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अंतरिक्ष में एक और कामयाबी हासिल की है। इसरो के पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (पीएसएलवी-सी51) ने इस बार अपने साथ 19 सैटेलाइट को लेकर उड़ान भरी है। यही नहीं इस बार इसके साथ भगवद गीता की एक इलेक्ट्रॉनिक प्रति भी भेजी गई है। पीएसएलवी-सी 51, 28 फरवरी को प्राथमिक उपग्रह ब्राजील के एमाजोनिया-1 के अलावा 18 अन्य उपग्रहों को भी लेकर गया है। हालांकि पहले 20 उपग्रह जाने वाले थे, लेकिन प्रक्षेपण के पूर्वाभ्यास के सैटेलाइट को कम कर दिया गया। PSLV-C51, पीएसएलवी का 53वां मिशन है और अपने साथ ये जिस प्रमुख सैटेलाइट अमजोनिया -1 को लेकर गया है वो पहला ऐसा सैटेलाइट है जो पृथ्वी की निगरानी करेगा. इसे ब्राजील ने बनाया है। लॉन्चिंग के बाद इसका संचालन संयुक्त रूप से चीन और ब्राजील के रिसोर्स सैटेलाइट प्रोग्राम संस्थान करेगा। इसरो के इस मिशन की अवधि तीन साल तीन महीने की है।
वीडियो डेस्क। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अंतरिक्ष में एक और कामयाबी हासिल की है। इसरो के पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (पीएसएलवी-सी51) ने इस बार अपने साथ 19 सैटेलाइट को लेकर उड़ान भरी है। यही नहीं इस बार इसके साथ भगवद गीता की एक इलेक्ट्रॉनिक प्रति भी भेजी गई है। पीएसएलवी-सी 51, 28 फरवरी को प्राथमिक उपग्रह ब्राजील के एमाजोनिया-1 के अलावा 18 अन्य उपग्रहों को भी लेकर गया है। हालांकि पहले 20 उपग्रह जाने वाले थे, लेकिन प्रक्षेपण के पूर्वाभ्यास के सैटेलाइट को कम कर दिया गया। PSLV-C51, पीएसएलवी का 53वां मिशन है और अपने साथ ये जिस प्रमुख सैटेलाइट अमजोनिया -1 को लेकर गया है वो पहला ऐसा सैटेलाइट है जो पृथ्वी की निगरानी करेगा. इसे ब्राजील ने बनाया है। लॉन्चिंग के बाद इसका संचालन संयुक्त रूप से चीन और ब्राजील के रिसोर्स सैटेलाइट प्रोग्राम संस्थान करेगा। इसरो के इस मिशन की अवधि तीन साल तीन महीने की है।