ये हैं दुनिया के 10 खतरनाक वायरस...किसी का मिला इलाज तो कोई अभी तक लाइलाज

वीडियो डेस्क। चीन में फैल रहे खतरनाक कोरोना वायरस का आतंक पूरी दुनिया पर मंडरा रहा है। इससे होने वाली मौतों का आंकड़ा भी लगातार बढ़ता जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन भी इस वायरस पर अपनी पल पल की नजर बनाए हुए है। 

/ Updated: Jan 28 2020, 06:07 PM IST

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वीडियो डेस्क। चीन में फैल रहे खतरनाक कोरोना वायरस का आतंक पूरी दुनिया पर मंडरा रहा है। इससे होने वाली मौतों का आंकड़ा भी लगातार बढ़ता जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन भी इस वायरस पर अपनी पल पल की नजर बनाए हुए है। ये वायरस पूरी दुनिया के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। हम आपको ऐसे 10 वायरस के बारे में बता रहे हैं जिन्होंने दुनिया में तबाही मचाई थी।
1. कोरोना वायरस
मामूली सर्दी जुकाम और फिर मौत...चीन में फैल रहा ये वायरस पूरी दुनिया के लिए बेहद ही खतरनाक साबित हो रहा है। इस वायरस से निपटने के लिए कोई तोड़ नहीं निकला है। हालांकि लोगों को सतर्क रहने की हिदायत दी जा रही है। 
2. स्वाइन फ्लू, एच1एन1
एक खतरनाक वायरस की वजह से होने वाला संक्रमण है। इस वायरस ने 2009 में पूरी दुनिया में हाहाकार मचा दिया था। इस दौरान स्वाइन फ्लू की वजह से दुनियाभर में 2 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। 
3. इबोला 
इबोला एक खतरनाक वायरस है। जो कि 2014 से 2016 तक पश्चिम अफ्रीका में काफी जानलेवा साबित हुआ था। इस वायरस से करीब 11 हजार लोगों की जिंदगी खत्म हो गई थी। यह वायरस सबसे पहले 1976 में देखा गया था।
4. सिवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम: सार्स
अभी चीन में फैल रहे नोवेल कोरोना वायरस की तरह ही सार्स भी कोरोनावायरस का एक प्रकार है। जिसका प्रकोप 2003 में पूरी दुनिया में फैला था। सार्स एक खतरनाक वायरस है। जिसने 26 देशों के लोगों को अपना शिकार बनाया था और करीब 774 लोगों की मौत का कारण बना था। 
5. मिडल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम: मर्स 
मर्स भी सार्स की तरह कोरोनावायरस का एक प्रकार है। जो कि सबसे पहले 2012 में साऊदी अरब में पाया गया। यह वायरस सबसे पहले चमगादड़ों में होता है, जो कि किसी तरह ऊंठों में फैल गया। इन्हीं संक्रमित ऊंठों के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष संपर्क में आने से यह वायरस इंसानों में आया है। 
6 स्पेनिश फ्लू (Spanish Flu – 1918)
दुनिया का सबसे खतरनाक वायरस स्पेनिश फ्लू ने दुनिया की करीब एक तिहाई आबादी को अपना शिकार बना लिया था। यह वायरस सबसे पहले यूरोप, यूनाइटेड स्टेट्स और एशिया के कुछ हिस्सों में देखा गया था। जिसने करीब 2 करोड़ से 5 करोड़ लोगों की जिंदगी खत्म कर दी थी। 
7  कांगो फीवर 
कोंगो फीवर एक तरह का खतरनाक बुखार है। जो संक्रमित जूं के काटने या संक्रमित जानवर के खून के संपर्क में आने से फैलता है। डॉक्टर्स बताते हैं कि अबतक इसका कोई सटीक इलाज सामने नहीं आया है। 
8 जीका वायरस 
जीका वायरस एक वायरल संक्रमण है। जो मुख्य रूप से मच्छर के काटने से होता है। मच्छर संक्रमित व्यक्ति को काटकर वायरस को दूसरे व्यक्ति तक पहुंचा देता है। भारत में हर साल लगभग पांच हजार मामले जीका वायरस के आते हैं। गर्भवती महिला को जीका होने का खतरा सबसे ज्यादा रहता है। 
9 एचआईवी/एड्स 
एचआईवी/एड्स का पहला मामला 1976 में डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में देखने को मिला था। लेकिन, इस महामारी ने वैश्विक स्तर पर विकराल रूप से 2005 से 2012 के बीच धारण किया। इस वायरस का प्रकोप सबसे ज्यादा सब-सहारन अफ्रीका के क्षेत्र में देखने को मिलता है एचआईवी की वजह से अबतक दुनियाभर में अनुमानित 3 करोड़ 20 लाख लोगों की जान जा चुकी है। 
10 डेंगू बुखार 
मच्छरों से फैलने वाले डेंगू बुखार से हर साल 5 करोड़ से लेकर 10 करोड़ लोग बीमार पड़ते हैं। भारत और थाइलैंड जैसे देशों में डेंगू का खतरा काफी बड़ा है। डेंगू से रक्त वाहिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं या रिसने लगती हैं। रक्तप्रवाह से प्लेटलेट्स गिर जाते हैं। जिससे व्यक्ति की मौत हो जाती है।