करतारपुर कॉरिडोर से पाकिस्तान रोज कमाएगा एक लाख डॉलर, सिक्खों के लिए इस वजह से खास है ये जगह

नई दिल्ली. पाकिस्तान की सरजमीं पर स्थित करतारपुर साहिब में ही सिक्ख धर्म के संस्थापक गुरुनानक देव ने अपनी अंतिम सांस ली थी। हाल ही में भारत और पाकिस्तान ने करतारपुर के लिए एक गलियारा बनाने का निर्णय लिया ताकि भारत के श्रद्धालु पाकिस्तान में बिना वीजा के करतारपुर साहिब आकर दर्शन कर सकें। इस गलियारे का नाम करतारपुर कॉरिडोर रखा गया है।  पाकिस्तान के लिए करतारपुर कॉरिडोर विदेशी मुद्रा कमाने का अच्छा जरिया बन गया है। पाकिस्तान ने दर्शन के लिए हर श्रद्धालु से 20 डॉलर लेने का फैसला किया है। उसके इस फैसले का भारत के नेताओं और अधिकारियों ने लगातार विरोध किया है और इस पर पुनः विचार करने को कहा है। पाकिस्तान रोजाना 5000 श्रद्धालुओं को करतारपुर से दर्शन की अनुमति देगा। इस हिसाब से उसे रोजाना करतारपुर कॉरिडोर से 1 लाख डॉलर की कमाई होगी।  
 

/ Updated: Oct 22 2019, 10:07 PM IST
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नई दिल्ली. पाकिस्तान की सरजमीं पर स्थित करतारपुर साहिब में ही सिक्ख धर्म के संस्थापक गुरुनानक देव ने अपनी अंतिम सांस ली थी। हाल ही में भारत और पाकिस्तान ने करतारपुर के लिए एक गलियारा बनाने का निर्णय लिया ताकि भारत के श्रद्धालु पाकिस्तान में बिना वीजा के करतारपुर साहिब आकर दर्शन कर सकें। इस गलियारे का नाम करतारपुर कॉरिडोर रखा गया है।  पाकिस्तान के लिए करतारपुर कॉरिडोर विदेशी मुद्रा कमाने का अच्छा जरिया बन गया है। पाकिस्तान ने दर्शन के लिए हर श्रद्धालु से 20 डॉलर लेने का फैसला किया है। उसके इस फैसले का भारत के नेताओं और अधिकारियों ने लगातार विरोध किया है और इस पर पुनः विचार करने को कहा है। पाकिस्तान रोजाना 5000 श्रद्धालुओं को करतारपुर से दर्शन की अनुमति देगा। इस हिसाब से उसे रोजाना करतारपुर कॉरिडोर से 1 लाख डॉलर की कमाई होगी।