अन्नपूर्णा: 100 साल बाद Canada से भारत लौटीं अन्न और संपदा की देवी, जानें क्या है इस प्राचीन मूर्ति में खास
वीडियो डेस्क। आज से करीब 100 साल पहले मां अन्नपूर्णा की मूर्ति जिसे काशी के घाट से चुराकर कनाडा भेज दिया था। ये मूर्ति 18 वीं शताब्दी की है। साल 1913 में इस मूर्ति के चुराकर कनाडा भेजा था। 100 साल बाद मां अन्नपूर्णा की घर वापसी हुई है। बेहद खास इस मूर्ति के बारे में कहा जाता है है कि मां के हाथों ने खीर का कटोरा है और दूसरे हाथ में चम्मच है।
वीडियो डेस्क। आज से करीब 100 साल पहले मां अन्नपूर्णा की मूर्ति जिसे काशी के घाट से चुराकर कनाडा भेज दिया था। ये मूर्ति 18 वीं शताब्दी की है। साल 1913 में इस मूर्ति के चुराकर कनाडा भेजा था। 100 साल बाद मां अन्नपूर्णा की घर वापसी हुई है। बेहद खास इस मूर्ति के बारे में कहा जाता है है कि मां के हाथों ने खीर का कटोरा है और दूसरे हाथ में चम्मच है। कनाडा में ये मूर्ति मैकेंजी आर्ट गैलीर में रेजिना यूनिवर्सिटी के संग्रह का हिस्सा थी। इस मूर्ति की वसीयत 1936 में नार्मन मैकेंजी ने करवाई थी और मूर्ति को गैलरी के संग्रह से जोड़ा गया था। यह मामला उस वक्त सामने आया जब इस साल गैलरी में एक एग्जीबिशन की तैयारी चल रही थी। इस दौरान एक कलाकार दिव्या मेहरा की नजर इस मूर्ति पर पड़ी और उन्होंने इस मुद्दे को उठाया। इसके बाद सरकार ने अपनी तरफ से मूर्ति की वापसी के प्रयास शुरु किए।मोदी सरकार के प्रयासों से 100 साल बाद ये मूर्ति अपने भारत लौटी है। मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने इस मूर्ति को वापस लाने की बात कही थी। अन्नापूर्णा की ये प्राचीन मूर्ति को काशी से चुराया गया था। अब 15 नवंबर के दिन काशी विश्वनाथ धाम में फिर से स्थापित किया जाएगा। इससे पहले इस मूर्ति को 18 जिलों में दर्शन के लिए रखा जाएगा।