जब महात्मा गांधी आए थे भोपाल, स्वागत करने नवाब हमीदुल्लाह ने खाद्यी से सजाया था पूरा महल
महात्मा गांधी से जुड़े ऐसे काफी किस्से हैं, जिन्हें सुनकर लोग आज भी उनकी कमी महसूस करते हैं। ऐसा ही एक किस्सा है जब वो मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल 3 दिन के लिए आए थे। ये किस्सा बताया वरिष्ठ पत्रकार और लेख शिव अनुराग पटेरिया जी ने।
नई दिल्ली. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की आज 150वीं जयंती है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजघाट जाकर गांधीजी को श्रद्धांजलि दी। भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी भी राजघाट पहुंचकर गांधी जी को श्रद्धांजलि दी। भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी राजघाट जाकर गांधीजी की समाधि पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी राजघाट पहुंचकर गांधी जी को नमन किया। महात्मा गांधी से जुड़े ऐसे काफी किस्से हैं, जिन्हें सुनकर लोग आज भी उनकी कमी महसूस करते हैं। ऐसा ही एक किस्सा है जब वो मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल 3 दिन के लिए आए थे। ये किस्सा बताया वरिष्ठ पत्रकार और लेख शिव अनुराग पटेरिया जी ने।
11 सितंबर 1929 को 3 दिन के लिए भोपाल आए थे
आज यूथ बापू के विचारों से बहुत कुछ सीख सकता है। सबको साथ लेकर चलने की कला बापू में थी। सत्य,अहिंसा और स्वावलंबन की बातें वो करते थे। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचार आज और भी प्रासंगिक हैं।
11 सितंबर 1929 को 3 दिन के लिए भोपाल आए थे। भोपाल की राहत मंजिल में बापू रुके हुए थे भोपाल रियासत के नवाब हमीदुल्लाह खान ने गांधी जी को प्रभावित करने के लिए जोरदार स्वागत किया था।
बापू को प्रभावित करने के लिए राहत मंजिल को खादी से सजाया गया था।