लोगों के पास नहीं थे मास्क, सरदार जी ने अपनी पगड़ियां कटवाईं सिलवाए मास्क और पेश की मिसाल
सिख धर्म में पगड़ी का विशेष महत्व है. बिना पगड़ी के सरदारों की शान नहीं मानी जाती। 5 से 8 मीटर लंबी पगड़ी जब सिर पर बांधी जाती है तो इसे पहनने वाले की पहचान ही कुछ और हो जाती है इसे सिर का ताज भी कहा जाता है। हिमाचल के प्रदेश के मंडी जिला के सुंदरनगर उपमंडल के कनैड गांव निवासी सरदार अमरजीत सिंह ने जरूरतमंदों को मास्क मुहैया करवाने के लिए अपनी 11 पगडि़यों की कुर्बानी दे दी।
वीडियो डेस्क। सिख धर्म में पगड़ी का विशेष महत्व है. बिना पगड़ी के सरदारों की शान नहीं मानी जाती। 5 से 8 मीटर लंबी पगड़ी जब सिर पर बांधी जाती है तो इसे पहनने वाले की पहचान ही कुछ और हो जाती है इसे सिर का ताज भी कहा जाता है। हिमाचल के प्रदेश के मंडी जिला के सुंदरनगर उपमंडल के कनैड गांव निवासी सरदार अमरजीत सिंह ने जरूरतमंदों को मास्क मुहैया करवाने के लिए अपनी 11 पगडि़यों की कुर्बानी दे दी। जब कोरोना वायरस का कोहराम मचा और देश को लॉक डाउन किया गया तो उस वक्त मास्क और सेनेटाइजर की बहुत ज्यादा कमी खली. दुकानें बंद थी, कपड़ा उपलब्ध न होने के कारण मास्क बनाना भी मुश्किल था। ऐसे में अमरजीत सिंह ने अपनी 11 नई पगडि़यों को कटवाकर उनके एक हजार से अधिक मास्क बनाकर जरूरतमंदों को बांटे। अमरजीत सिंह बताते हैं कि उन्होंने यह मास्क गरीबों, अपंगों और प्रवासी लोगों को बांटे जो मास्क नहीं खरीद सकते थे, अमरजीत का मास्क बनवाकर लोगों को बांटने का कार्य आज भी जारी है। सरदार अमरजीत सिंह अमरजीत सिंह मंडी जिला रैडक्रास सोसायटी के सर्व वॉलंटियर हैं और जब भी प्रशासन को इनकी जरूरत होती है यह उसी वक्त हाजिर होकर अपनी सेवाएं देने लग जाते हैं।