अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए दिन-रात हो रहा काम, देखिए Exclusive तस्वीरें
चंपत राय ने मीडिया के माध्यम से दुनिया भर के रामभक्तों को मंदिर की तकनीक व भव्यता को लेकर आश्वस्त करते हुए कहा कि इस कार्य में लगे इंजीनियरों का भी मानना है कि भारत में शायद ही किसी मंदिर के नींव के निर्माण में ऐसी तकनीक का इस्तेमाल किया गया है।
अयोधया : राम जन्मभूमि (Ramjanm bhoomi) तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय (Champat rai) ने बताया मंदिर की नींव में राफ्ट (Raft) का काम लगभग पूरा हो चुका है। यह फाउंडेशन का सेकंड फेज है। इसके बाद पत्थरों को एक के ऊपर एक रखकर प्लिंथ तैयार होगा। फरवरी के अंत में या मार्च के प्रथम सप्ताह में प्लिंथ के पत्थरों को जोड़ने का कार्य प्रारंभ हो जाएगा। उन्होंने बताया इसके लिए पत्थरों को उठाने और ऊंचाई पर रखने के लिए दो टावर क्रेन खड़ी कर दी गई है। रिटेनिंग वॉल (मिट्टी का कटान रोकने के लिए दीवार) बनाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। यह जमीन के अंदर बनाई जाती है। यह उतनी अंदर बनाई जाएगी जितनी गहराई तक सरयू का जल जून माह में होता है। उन्होंने बताया जमीन के अंदर मिट्टी कट कर बह ना जाए जाए इसलिए काफी मोटी दीवाल जमीन की काफी गहराई तक बनाई जा रही है।
राम मंदिर देश के चुनिंदा मंदिरों में होगा
चंपत राय ने मीडिया के माध्यम से दुनिया भर के रामभक्तों को मंदिर की तकनीक व भव्यता को लेकर आश्वस्त करते हुए कहा कि इस कार्य में लगे इंजीनियरों का भी मानना है कि भारत में शायद ही किसी मंदिर के नींव के निर्माण में ऐसी तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। उन्होंने कहा कि तकनीक व भव्यता के लिहाज से राम मंदिर देश के चुनिंदा मंदिरों में होगा। एक हजार साल तक अक्षुण्ण भी रहेगा। इस दौरान ट्रस्टी डॉ.अनिल मिश्र सहित टाटा कंसल्टेंसी व एलएंडटी के इंजीनियर मौजूद रहे।
जानकारी के अनुसार, राममंदिर का परकोटा करीब 60 फीट ऊंचा होगा। 350 फीट लंबा व 250 फीटा चौड़ा प्रदक्षिणा मार्ग भी होगा। परकोटे में भारतीय संस्कृति, धार्मिकता को दर्शाती तरह-तरह की नक्काशी भी की जाएगी जो राममंदिर परिसर की भव्यता बढ़ाएगी। बताया कि परकोटे में माता सीता, लक्ष्मण, गणेश सहित अन्य देवी-देवताओं के छह मंदिर भी होंगे।