गैर मान्यता प्राप्त मदरसों को लेकर शुरू हुआ सर्वे, टीम ने रजिस्टर समेत कई दस्तावेजों को खंगाला
यूपी के जिले हरदोई में 17 सितंबर शनिवार को गैर मदरसों प्राप्त मदरसों का सर्वे शुरू हो गया है। जिला प्रशासन को सर्वे की रिपोर्ट पांच अक्टूबर तक देनी है। इस दौरान टीम ने मदरसे में मौजूद रजिस्टर समेत कई दस्तावेजों को खंगाला है।
हरदोई: उत्तर प्रदेश के जिले हरदोई में भी मदरसों का सर्वे शुरू हो गया है। पांच अक्टूबर तक जिला प्रशासन को सर्वे रिपोर्ट देनी है। जिसको देखते हुए शनिवार को जिला अल्पसंख्यक अधिकारी व नायब तहसीलदार द्वारा खदरा स्थित मदरसा बुस्ताने रहमत का सर्वे किया गया। सर्वे टीम ने वहां मौजूद रजिस्टर व अन्य दस्तावेज भी चेक किए। इसके साथ ही मदरसे में कमरों की संख्या, पढ़ाए जाने वाले पाठ्यक्रम की भी जानकारी ली। जिसमें पता चला कि मदरसा बुस्ताने रहमत में उर्दू, फारसी, अरबी के अलावा भी हिंदी, इंग्लिश, गणित आदि भी बच्चों को पढ़ाई जाती है।
मदरसे के नाजिम से जब पूछा गया कि किन किन बिन्दुओं पर जांच की गई और क्या कहेंगे इस सर्वे के बारे में, तो मदरसे के नाजिम का कहना था कि जो गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे का कार्य चल रहा है उसमें 12 बिंदुओं पर जो जानकारी मांगी गई है। उनके जवाब सर्वे टीम को दे दिए गए हैं। बहुत अच्छे ढंग से सर्वे हो चुका है सारे सवालों के जवाब दे दिए गए। उन्होंने आगे कहा कि मेरी गुजारिश है सभी से जो भी 12 बिंदुओं पर मदरसों से जानकारियां मांगी गई है लोग सही से उनको जवाब दे दें, किसी भी चीज से डरने की जरूरत नहीं है। बहुत अच्छे माहौल में सर्वे हो रहा है बहुत अच्छे माहौल में पूछताछ हो रही है।
जिला अल्पसंख्यक अधिकारी रोहित सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि आज सर्वे टीम द्वारा गैर मान्यता प्राप्त मदरसे का सर्वे किया गया जोकि हरदोई के खदरा इलाके में स्थित है। इसका नाम मदरसा बुस्ताने रहमत है। यह मदरसा ट्रस्ट एक संस्था द्वारा चलाया जा रहा है जो 2012 से रजिस्टर्ड है। इसकी जमीन और भवन ट्रस्ट के नाम ही दर्ज है, इनके मदरसे में चार कमरे एक हाल एक ऑफिस है। इसके अतिरिक्त इनके हॉस्टल भी है और दो कमरे ऐसे हैं जो शिक्षकों के रहने के लिए हैं। यह मदद से गैर मान्यता प्राप्त है और इनका पाठ्यक्रम जो है वह देवबंद सहारनपुर से सम्बद्ध है।
शहर में एक बड़ा मदरसा है अशरूफ मदारिस उससे सम्बद्ध है। छात्रों की संख्या इनके यहां 101 है। पढ़ाने वाले 7 टीचर है और एक प्रिंसिपल है। एक प्रश्न के जवाब में जिला अल्पसंख्यक अधिकारी ने बताया कि उर्दू फारसी अरबी के अलावा हिंदी अंग्रेजी भी विषय पढ़ाया जाता है। बच्चों से जब पढ़वाया तो पाया की बच्चे पढ़ लेते थे। साथ ही साथ रजिस्टर्ड मदरसों की संख्या हरदोई में 180 है। इस मदरसे की जांच में जब पूछा गया तो इनके द्वारा पता चला कि आवामी चंदा जगह-जगह जाकर जो लिया जाता है उसी से इनके मदरसे का संचालन हो रहा है।