Kissa UP Ka: गेस्ट हाउस कांड से पहले ही होने वाली थी मायावती की हत्या, दरोगा ने निकाल ली थी पिस्तौल

मायावती के करीबी रहे सरवर हुसैन ने एक बार इस किस्से का जिक्र किया था। सरवर हुसैन का परिवार इलाहाबाद के नैनी थाना क्षेत्र में बीड़ी वाली गली में रहता है. कहा जाता है कि मायावती के सियासी सफर के शुरुआती दिनों में ये उनके काफी करीब थे। सरवर हुसैन अब इस दुनिया में नहीं हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरवर हुसैन ने बताया था कि मायावती का बुलंदशहर में विवाद हो गया था। मायावती और डीएम के बीच मतपत्र देखने के लिए छीनाझपटी हुई थी। 

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लखनऊ: 4 बार यूपी की मुख्यमंत्री रह चुकी बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने राजनीतिक यात्रा के दौरान सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश की राजनीति पर भी गहरा प्रभाव डाला है। मायावती की शख्सियत को यूपी की राजनीति से दरकिनार नहीं किया जा सकता है। दलित आज भी बहनजी को ही अपना नेता मानते हैं। आज हम आपको मायावती के जीवन से जुड़ा एक किस्सा बताने जा रहे हैं जब गेस्ट हाउस कांड से पहले ही उनकी हत्या होने वाली थी। 
यह घटना दिसंबर 1991 की है। इस घटना के बाद मायावती ने लिखित शिकायत भी की थी। 

मायावती के करीबी रहे सरवर हुसैन ने एक बार इस किस्से का जिक्र किया था। सरवर हुसैन का परिवार इलाहाबाद के नैनी थाना क्षेत्र में बीड़ी वाली गली में रहता है. कहा जाता है कि मायावती के सियासी सफर के शुरुआती दिनों में ये उनके काफी करीब थे। सरवर हुसैन अब इस दुनिया में नहीं हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरवर हुसैन ने बताया था कि मायावती का बुलंदशहर में विवाद हो गया था। मायावती और डीएम के बीच मतपत्र देखने के लिए छीनाझपटी हुई थी। इसके बाद मायावती को बुलंदशहर से इलाहाबाद की नैनी सेंट्रल जेल लाया गया था। बताया जाता है कि यह दिसंबर 1991 की बात है। मायावती की लखनऊ हाईकोर्ट में पेशी हुई थी। वापसी में उन्हें लखनऊ पैसेंजर से इलाहाबाद लाया जा रहा था।

सरवर हुसैन के मुताबिक, सुबह 4:30 बजे ट्रेन प्रयाग स्टेशन पहुंची। साथ में आए दरोगा ने नीचे चलने को कहा। तभी उसने मायावती की हत्या के इरादे से रिवॉल्वर निकाली। इस दौरान सरवर हुसैन भी साथ थे। वह बताते हैं, मायावती ने उनसे कहा कि सामने मस्जिद है। लोग जुटे हुए हैं, आवाज लगाओ, वरना ये हमें मार डालेगा। लेकिन, तभी ट्रेन के इसी कोच में चल रहे आर्मी वालों ने ये वाकया देखा और दरोगा को गोली नहीं चलाने की चेतावनी दी। आर्मी वालों की चेतावनी से दरोगा घबरा गया और वह मायावती को रिक्शे से पुलिस लाइन ले गया।

पुलिस लाइन पहुंचकर मायावती ने दरोगा के खिलाफ शिकायत की। बताते हैं कि मायावती को इसके बाद नैनी जेल भेज दिया गया। वहां भी उन्होंने जेल सुपरिटेंडेंट को दरोगा के खिलाफ लिखित शिकायत दी थी। 

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