कृष्ण जन्मस्थान के दर्शन करने पहुंची RSS की मुस्लिम विंग, कहा- जो जगह हमारी नहीं, वहां स्वीकार नहीं होती इबादत

 राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अनुसांगिक संगठन राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के पदाधिकारी मंगलवार को मथुरा पहुंचे। यहां पदाधिकारियों ने श्री कृष्ण जन्मस्थान के दर्शन किये और मंदिर होने के प्रमाणों का निरीक्षण किया। करीब 1 घण्टे तक मंदिर में रहने के बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए पदाधिकारियों ने कहा कि जो जगह हमारी नहीं है उस जगह की गई इबादत कबूल नहीं होती।

/ Updated: May 11 2022, 02:18 PM IST

Share this Video
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Email

मथुरा: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अनुसांगिक संगठन राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के पदाधिकारी मंगलवार को मथुरा पहुंचे। यहां पदाधिकारियों ने श्री कृष्ण जन्मस्थान के दर्शन किये और मंदिर होने के प्रमाणों का निरीक्षण किया। करीब 1 घण्टे तक मंदिर में रहने के बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए पदाधिकारियों ने कहा कि जो जगह हमारी नहीं है उस जगह की गई इबादत कबूल नहीं होती।

मंगलवार को राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के मार्गदर्शक इंद्रेश कुमार के निर्देशन पर मथुरा आये पदाधिकारियों ने श्री कृष्ण जन्मस्थान के दर्शन किये। करीब एक घण्टे तक मंदिर में रहे पदाधिकारियों हर उस स्थान का निरीक्षण किया जहां से उनको मंदिर के अति प्राचीन होने के प्रमाण मिले। राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के राष्ट्रीय संघटन मंत्री तुषार कांत के नेतृत्व में आये इस समूह में 10 लोग थे। इस समूह में प्रान्त संघटन मंत्री कानपुर प्रान्त आलोक चतुर्वेदी, शिक्षा प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय संयोजक मजाहिर खान,सूफी संत मलंग के कानपुर प्रांत संयोजक अरशद खान, इटावा की जिला संयोजक कोमल नेहा, सदस्य आसिफ जरारी,कुंवर आसिफ अली,रेहाना खातून,मरियम खां और देहरादून से आईं निशा खां थी। इन सभी का स्वागत हिंदूवादी नेता और श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सदस्य गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी व विजय बहादुर ने पटका पहनाकर किया। दर्शनों के दौरान मंदिर के पुजारी ने सभी को प्रसाद दिया व भगवान की प्रसादी माला पहनाई। 

दर्शन करने के बाद मंदिर से बाहर आये राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के शिक्षा प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय संयोजक मुजाहिर खान ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि यह धरोहर है। इसे तोड़कर मस्जिद बनाई है। मस्जिद में कोई आकृति नहीं होती यहां अवशेष मंदिर के हैं। मुजाहिर खान ने बताया कि जो धरोहर हमारी नहीं वहां नमाज करना भी गलत है।  प्रयागराज से आईं रेहाना खातून ने बताया कि यह श्री कृष्ण जन्मभूमि है यहां पर विदेशी आतंकवादियों ने मस्जिद बनाई। यहां पर की गई इबादत कबूल नहीं होगी।  

प्रयागराज से ही आईं राष्ट्रीय मुस्लिम मंच की सदस्य मरियम खान ने बताया कि वह अपनी कॉम के  लोगों से अपील करती हैं कि हमारा इस्लाम आपस में झगड़ा करना नहीं सिखाता। हम हिंदुस्तानी मुसलमान हैं आने वाली पीढ़ी को गलत संदेश देने से अच्छा है बैठकर मामले को निपटा लें झगड़ा कर वक्त खराब न करें। अगर इनकी जगह है तो मान लें इसमें कोई बुराई नहीं हैं। यह जगह इनकी हैं  इन्हें सौंप दें।