देश भर में तेजी से बढ़ रहे डायबिटीज के मरीज, खास बातचीत में महिला डॉक्टर ने बताए बचाव के जरूरी उपाय
वाराणसी में डायबिटीज के खतरों और इलाज पर एक इंटरनेशनल सेमिनार आयोजित हुआ। इसमें बताया गया कि टाइप टू डायबीटिज का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि यह लेट डिटेक्ट होता है। इंसुलिन सीक्रेट करने वाली 60% कोशिकाएं जब मर जाती हैं, तब हमें पता चलता है कि डायबीटिज हो गया है। इसलिए शुगर के लक्षणों पर नजर रखें। बहुत बारीकी से बॉडी में आ रहे बदलाव को समझते रहें।
वाराणसी में डायबिटीज के खतरों और इलाज पर एक इंटरनेशनल सेमिनार आयोजित हुआ। इसमें बताया गया कि टाइप टू डायबीटिज का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि यह लेट डिटेक्ट होता है। इंसुलिन सीक्रेट करने वाली 60% कोशिकाएं जब मर जाती हैं, तब हमें पता चलता है कि डायबीटिज हो गया है। इसलिए शुगर के लक्षणों पर नजर रखें। बहुत बारीकी से बॉडी में आ रहे बदलाव को समझते रहें। यदि आपका वजन तेजी से गिर रहा है तो तत्काल अपने डॉक्टर से कांटेक्ट करें। NetProFan और IAPEN वाराणसी चैप्टर द्वारा आयोजित वर्कशाप दो दिन तक चलेगा। इस वर्कशॉप में भारत के अलावा नाइजीरिया और बांग्लादेश से भी एक्सपर्ट और रिसर्चर्स पहुंचे हैं।
सेमिनार में पहुंची डॉ सुनीता अस्थाना से हमने बातचीत की। उन्होंने बताया कि भारत की बड़ी आबादी इस बीमारी से परेशान है। और इस इलाज के लिए हमें अपने दिनचर्या को सही करना चाहिए। बातचीत में डांटो सुनीता लिख क्या-क्या बताया सुनिए खास रिपोर्ट में-