कानपुर में स्कूली बच्चों को पढ़ाया जा रहा था कलमा, बेटे से फर्राटेदार अंदाज में इसे सुन माता-पिता हैरान

क्षेत्रीय पार्षद महेंद्र शुक्ला ने कहा कि यहां जन गण मन तो होता नहीं है, यहां कलमा पढ़ाया जाता है। इनके PFI से संबंध हैं, यहां बच्चों को रोज कलमा पढ़ाया जाता है, हम मामले की जांच कराएंगे, हमने यहां गंगाजल छिड़का है।

/ Updated: Aug 01 2022, 06:28 PM IST

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कानपुर: एक निजी स्कूल में हिंदू छात्रों से प्रार्थना में कलमा पढ़ाए जाने का मामला सामने आया है। अभिभावकों के विरोध करने पर स्कूल ने कहा है कि अब प्रार्थना में केवल राष्ट्रगान गाया जाएगा। स्कूल ने अपनी सफाई में कहा है कि स्कूल में चार धर्मों-हिंदू, मस्लिम, सिख, इसाई की प्रार्थना होती आई है। दरअसल, स्कूल में गाई जाने वाली प्रार्थना को कुछ हिंदू छात्र अपने घर पर दोहराते पाए गए। तब जाकर अभिभावकों के सामने यह मामला सामने आया। अभिभावकों की आपत्ति के बाद स्कूल ने कलमा पढ़े जाने पर रोक लगा दी है। 

एक अभिभावक ने कहा, 'मेरी पत्नी ने बताया कि बच्चा इस्लाम के कलमे को फर्राटे के साथ दोहरा रहा है। बच्चे से यह पूछे जाने पर उसने यह कलमा कहां सीखा तो उसने बताया कि इस कलमे को उसने स्कूल में याद किया। इसके बाद मैं स्कूल गया और इसकी शिकायत की। लेकिन स्कूल ने इस्लामी प्रार्थना हटाने से इंकार किया। फिर मैंने एक वाट्सएप ग्रुप बनाया। इस ग्रुप के जरिए मैंने अभिभावकों और भाजपा से जुड़े लोगों को इस बारे में जानकारी दी।'

क्षेत्रीय पार्षद महेंद्र शुक्ला ने कहा कि यहां जन गण मन तो होता नहीं है, यहां कलमा पढ़ाया जाता है। इनके PFI से संबंध हैं, यहां बच्चों को रोज कलमा पढ़ाया जाता है, हम मामले की जांच कराएंगे, हमने यहां गंगाजल छिड़का है।