कोविड से बचाव के लिए अस्पताल में क्यूआरकोड की सुविधा, जानिए कैसे मरीजों को मिलेगा सहयोग

यूपी के जिले वाराणसी में कोविड से बचाव के लिए ई-अस्पताल बनाया गया है। जिससे मरीजों की लंबी लाइन और भीड़ से बचाया जा सके। मरीजों को क्यूआरकोड स्कैन कर डॉक्टर द्वारी दी गई रिपोर्ट समेत कई जानकारियां उपलब्ध कर सकते हैं। 

/ Updated: Dec 25 2022, 03:09 PM IST

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वाराणसी: कोविड से बचाव के लिए सीएम योगी के निर्देशों के बाद सरकारी अस्पतालों में सक्रियता की तस्वीरें भी सामने आने लगी हैं। सरकारी अस्पतालों में भीड़-भाड़ को कम करने के लिए अब आधुनिक कदम उठाया गया है। जिससे नम्बर लगाने की पर्ची से लेकर रिपोर्ट लेने के लंबी लाइन तक से छुटकारा मिल जाएगा। मरीज या तीमारदार के मोबाइल पर ही सारी सुविधाएं मिलनी शुरू हो जाएंगी। सिर्फ एक "क्यूआरकोड" को स्कैन करने से मरीजों को भीड़ से छुटकारा मिलेगा। 

दरअसल यह सुविधा सबसे पहले शहर के शिव प्रसाद यानी मंडलीय अस्पताल में शुरू की गई है। जहां बड़े-बड़े बैनरों पर क्यूआरकोड स्कैनर भी लगा दिया गया है। यह लाभ ई-अस्पताल योजना के तहत मरीजों को हाईटेक सुविधा देने के लिए शुरू किया गया है। जिसके तहत उन्हें पर्चे के कटाने के लिए लाइन में नहीं लगना पड़ेगा बल्कि अस्पताल में उपलब्ध डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए एक मिनट के अंदर उनका पर्चा बन कर तैयार हो जाएगा। यह योजना मोबाइल पर ड्रीफकेस एप्लीकेशन के जरिए मरीज स्कैन करके अपना नंबर लगा सकता है। यह ड्रीफकेस एप्लीकेशन आयुष्मान भारत यानी कि आभा से जुड़ा हुआ रहेगा, जो मरीजों के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराएगा।

इसके लिए सबसे पहले मरीज और उनके तीमारदार को ड्रीफकेस नाम के एप्लीकेशन को डाउनलोड करना पड़ेगा। उसके बाद अपने आधार नंबर से उस एप्लीकेशन पर एक अकाउंट बनाना होगा। इसके बाद हॉस्पिटल में उपलब्ध क्यूआर कोड को स्कैन करके अस्पताल के साथ अपने पंजीकरण की जानकारी को सांझा करनी होगी। जिस पर अस्पताल की ओर से टोकन उपलब्ध कराया जाएगा और ओपीडी में नंबर आने पर वो डाक्टर से इलाज करा सकते हैं। स्कैन करने नम्बर लगाने की प्रकिया महज एक मिनट की होती है। इससे सबसे ज्यादा लाभ यह होगा कि इससे न सिर्फ आसानी से नंबर लग जाएगा बल्कि एक एप्लिकेशन पर उनकी सारी मेडिकल समरी भी उपलब्ध होगी। 

आगामी दिनों में यहां की सुविधाओं को और बढ़ाया जाएगा। साथ ही अस्पताल के पैथलैब को इससे जोड़ा जाएगा। जिससे जांच के परिणाम भी  मरीज व तीमारदारों तक आसानी से ऑनलाइन उपलब्ध हो जाए। गौरतलब है कि वाराणसी के मंडलीय अस्पताल में प्रतिदिन 15 सौ से 2000 मरीज इलाज के लिए आते हैं। जिनमें  वाराणसी के साथ-साथ गाजीपुर, बलिया, चंदौली, आजमगढ़ लगायत पूर्वांचल के मरीज भी शामिल होते हैं। लंबी कतारों की वजह से उन्हें पहले आकर घंटों तक लाइन लगानी पड़ती है लेकिन यह स्कैनर उनके लिए लाइन में लगने की राह आसान बना रहा है।