भाजपा ने पहली बार कश्मीर में खाता खोला है। पार्टी ने कश्मीर से 3 सीटों पर जीत दर्ज की। भाजपा श्रीनगर, पुलवामा और बांदीपोरा में तीन सीटें जीती हैं। वहीं जम्मू-कश्मीर के इतिहास में पहली बार हुआ, जब 6 प्रमुख पार्टियों ने मिलकर चुनाव लड़ा।
जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 की बहाली को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला लगातार बयानबाजी कर रहे हैं। इस मामले में शिवसेना ने अब्दुल्ला को नसीहत दी है कि अगर वे आर्टिकल 370 लागू करना चाहते हैं तो वे पाकिस्तान जाकर ऐसा कर सकते हैं।
योगी ने आरोप लगाया कि मोदी से पहले कांग्रेस-आरजेडी और कम्युनिस्ट पार्टियां कहती थीं कि इस देश के संसाधनों पर एक मजहब विशेष का पहला हक है। मोदी ने उसे बदला। यह भी कहा कि अब भारत में नक्सलवाद के खात्मे की बारी है।
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के आवास पर शनिवार दोपहर गुपकार घोषणा (पीपुल्स अलायंस फॉर डिक्लेरेशन) की बैठक हुई। बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि पीपुल्स अलायंस फॉर डिक्लेरेशन के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला होंगे और उपाध्यक्ष महबूबा मुफ्ती होंगी।
शुक्रवार को बिहार में पीएम ने लगातार तीसरी रैली की जिसमें पीएम ने आर्टिकल 370 का भी जिक्र किया। इसी को लेकर पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने एनडीए पर निशाना साधा है। महबूबा ने कहा कि केंद्र सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है इसलिए आज उन्हें बिहार की रैलियों और जनसभाओं में जम्मू-कश्मीर को याद करना पड़ रहा है।
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के रिहा होते ही राज्य में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। बुधवार को उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला समेत 6 दलों के नेताओं से मुलाकात की है। फारूक अब्दुल्ला के निवास पर हुई इस मीटिंग को गुपकार घोषणा कहने का फैसला किया गया है। मीटिंग के बाद फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि हम राज्य में राजनीतिक स्थिरता चाहते हैं इसलिए हमने यह बैठक बुलाई है।
अधिवक्ता सुधीर ओझा का आरोप है कि पूर्व सीएम फारुख अब्दुल्ला 370 को हटाए जाने के मामले में देश की आवाम को भड़का रहे हैं। उनका यह बयान देश की अस्मिता के खिलाफ है, जिसमें उन्होंने कहा है कि चीन के साथ मिलकर जम्मू कश्मीर में धारा 370 को लागू कराया जाएगा।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला के अनुछेद 370 को चीन से जोड़ने वाले बयान से बवाल मचा हुआ है। हाल ही में उन्होंने चीन की मदद से धारा 370 को वापस लाने वाला विवादित बयान दिया था जिसपर अब उन्होंने कहा है कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है।
केंद्र सरकार ने बुधवार को जम्मू और कश्मीर से सुरक्षा बलों की 100 कंपनियों को वापस बुलाने का फैसला किया। गृह मामलों के मंत्रालय (एमएचए) द्वारा सुरक्षा समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया गया। अधिकारियों ने कहा कि अर्धसैनिक बल की कंपनियों में सीआरपीएफ की 40 कंपनियां और सीआईएसएफ और एसएसबी की 20 कंपनियां शामिल हैं।
5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाला आर्टिकल 370 निष्प्रावी किया गया था। बुधवार को आर्टिकल 370 हटने का एक साल पूरा हो रहा है। ऐसे में श्रीनगर प्रशासन ने एहतियातन तौर पर 4 और 5 अगस्त को श्रीनगर में कर्फ्यू लगाया है।