कर्नाटक और तेलंगाना की तर्ज पर कांग्रेस हर वर्ग के लिए एक गारंटी सुनिश्चित की है। काफी दिनों से पूरे देश में एमएसपी के लिए आंदोलित किसानों से कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में एमएसपी गारंटी दी है।
कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में वादा किया है कि वह किसानों के कर्ज माफ करेगी। इसके साथ ही एमएसपी पर फसलों की खरीद के लिए कानूनी गारंटी देगी।
एसकेएम ने कहा कि सरकार का किसानों की मांगों से भटकाने वाला प्रस्ताव किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं है। बीजेपी ने 2014 के आम चुनाव के पहले अपने घोषणा पत्र में यह वादा किया था कि सभी 23 फसलों की एमएसपी गारंटी देगी।
चंडीगढ़ में बैठक खत्म होने के बाद किसान नेता और पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने मीडिया को बताया कि हमें सकारात्मक परिणाम की उम्मीद है, अन्यथा हम अपना दिल्ली चलो मार्च जारी रखेंगे।
एक पुरानी रिपोर्ट सामने आई है, जब स्वामीनाथन आयोग ने 2010 में न्यूनतम समर्थन मूल्य की सिफारिश की थी। तब तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार ने इसे स्वीकार नहीं किया था।
किसान आंदोलन का असर राजस्थान में भी नजर आ रहा है। यहां कई जिलों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। ताकि किसानों को दिल्ली जाने से रोका जा सके।
किसान MSP (Minimum Support Price) की गारंटी को लेकर कानून बनाने के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। सभी फसलों पर MSP देने के लिए सरकार को हर साल करीब 10 लाख करोड़ रुपए खर्च करने की जरूरत होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की मीटिंग की गई। इस मीटिंग के दौरान 2024-25 मिनिमम सपोर्ट प्राइस की घोषणा की गई है।
सरकार ने किसान नेताओं को रिहा करने की मांग को मानने के साथ ही एमएसपी बढ़ाने की मांग को भी मान लिया है। एक महीना से किसान आंदोलित थे।
कुरुक्षेत्र के पिपली गांव में एक महापंचायत करने के बाद किसानों ने नेशनल हाईवे 44 को जाम कर दिया। किसानों के आंदोलन को देखते हुए ट्रैफिक को दिल्ली-चंडीगढ़ रूट पर डायवर्ट कर दिया गया।