कोरोना महामारी के दौरान पांचवीं बार देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने लोकल पर ज्यादा फोकस किया। उन्होंने साफ-साफ शब्दों में कहा कि लोकल को ही जीवन का मंत्र बनाना पड़ेगा। उन्होंने कहा, आज से हर भारतवासी को अपने लोकल के लिए वोकल बनना है।
बिहार में कोरोना के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। आज सुबह से अभी तक राज्य में कोरोना के 52 नए मरीज मिल चुके हैं। इन 52 मरीजों के साथ ही राज्य में कोरोना के कुल मरीजों की संख्या बढ़ कर 801 हो गई है।
भारत अब हर रोज कोरोना वायरस के 1 लाख टेस्ट करने में सक्षम है। यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने दी। उन्होंने बताया कि भारत में मृत्यु दर भी दुनिया के मुकाबले काफी कम है। स्वास्थ्य मंत्री ने मंगलवार को जम्मू कश्मीर के अफसरों के साथ कोरोना वायरस को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की।
देश को कोरोना महामारी का संकट खत्म भी नहीं हुआ कि असम अफ्रीकी स्वाइन फ्लू की चपेट में आ गया है। इस प्लू की वजह से 10 जिलों में 14,000 से अधिक सूअर की मौत हो चुकी है। राज्य सरकार ने किसानों को सलाह दी है कि सूअरों के शव को गहरा गढ्डा खोदकर दफनाए।
बोर्ड ने मंगलवार को एक बयान जारी कर बताया कि सदस्यों, संम्बंधित सरकारों और अन्य ऑथोरिटीज से बात करने के बाद इस निर्णय को लिया गया है। बतादें कि महिला वर्ल्ड कप अगले साल न्यूजीलैंड में 6 फरवरी से 7 मार्च के बीच होना है।
कर्नाटक के शिवमोगा के एक अस्पताल में काम करने वाली नर्स ने मानवता की मिशाल पेश की है। रूपा प्रवीण राव नामक महिला 9 महीने की गर्भवति हैं। वह जल्द ही मां बनने वाली हैं। लेकिन कोरोना मरीजों के इलाज के लिए वह रोज 6 घंटे ड्यूटी करती हैं।
कोरोना वायरस के चलते जेल में बंद कैदियों को बड़ी राहत मिली है। महाराष्ट्र सरकार द्वारा बनाई गई कमेटी ने फैसला किया है कि 50% कैदियों को अस्थाई तौर पर छोड़ा जाएगा। यह फैसला कोरोना वायरस को देखते हुए जेल से भीड़ कम करने के चलते लिया गया है।
कोरोना महामारी से उद्योग जगत का हाल बुरा है। ज्यादातर कंपनियों को भारी घाटे का सामना करना पड़ रहा है। देश के दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा की कई कंपनियां भी घाटे में हैं, लेकिन उन्होंने कहा है कि इस संकट के बीच भी भविष्य के लिए उम्मीद कम नहीं है।
कोरोना वायरस के कारण मुंबई में खराब हो रही स्थिति के कारण मजदूरों का एक समूह घर आने के लिए निकल पड़ा। वे किसी तरह दस दिन में अपने घर पहुंचे। जिन्हें देख गांव के लोग विरोध करने लगे। परिवार के लोग भी डर से घर में आने से उन्हें रोक दिए। जिसके कारण उन्हें खुले में क्वारंटाइन होना पड़ा।
कोरोना वायरस से लड़ने के लिए सरकार तमाम कोशिशें कर रही है। इस पर काबू पाने के लिए सरकार ने देशभर में लॉकडाउन लागू किया है और ये अब तीसरे चरण तक पहुंच गया है।