'जहां चाह वहां राह'...यह कहावत कहती है कि अगर कोई हकीकत में कुछ हासिल करना चाहता है, तो वह इसे प्राप्त करने के तरीके खोजता ही रहेगा और अंत में सफल होकर ही रहेगा। चाहे फिर बात किसी के करियर के बारे में हो या फिर जिंदगी के जंग लड़ने के बारे में..वह सभी मुश्किल घड़ी को पार कर आखिर में सफल हो ही जाएगा। जोश और जज्बे की ऐसी ही कहानी है राजधानी भोपाल से करीब 120 किलोमीटर दूर रहने वाले एक ऐसे शख्स की है, जिसने कैंसर के साथ-साथ कोरोना जैसी खतरनाक बीमारी दर्द झेला और उन्हें मात दी। क्योंकि उसमें जीने की चाह और संक्रमण से लड़ने के मजबूत इरादे जो थे।