पंजशीर में Taliban के विरोध में लड़ाई का बिगुल फूंकने वाले नेता अहमद मसूद का कहना है कि उन्हें तालिबान के साथ शांतिपूर्ण बातचीत की उम्मीद है।
अफगानिस्तान क्रिकेट टीम को अगले महीने श्रीलंका में तीन मैचों की सीरीज के लिए पाकिस्तान जाना होगा।
स्कूल ऑफ लीडरशिप के संस्थापक शबाना बासिज रसिख ने कहा, ये अफगानिस्तान में एकमात्र लड़कियों का बोर्डिंग स्कूल है। मैं उनकी और उनके परिवारों की जान बचाने के लिए रिकॉर्ड को मिटा रही हूं।
महिला ने कहा, अफगानिस्तान में हालात बिगड़ रहे थे। इसलिए मैं अपनी बेटी और दो पोते-पोतियों के साथ यहां आई। तालिबान ने मेरा घर जला दिया। मैं भारत को हमारी मदद करने के लिए धन्यवाद देती हूं।
काबुल पर कब्जा करने के एक महीने बाद तालिबान ने स्कूल बंद करवा दिए। सभी लड़कियां को घर पर रहने के लिए कहा।
तालिबानी शासन के बाद विदेशी मीडिया को भी विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है। मीडिया हाउसेस पर भी तालिबान का पूर्ण नियंत्रण है। महिला एंकर्स को स्टूडियो से हटा दिया गया है। महिला रिपोर्टर्स के कपड़ों को लेकर सख्त नियम जारी किए गए हैं। बीते दिनों अफगानिस्तान में युद्ध के दौरान भी कई मीडिया कर्मियों को जान से हाथ धोनी पड़ी थी।
द सन की रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबानी बुलेटप्रूफ जैकेट और हेलमेट पहने हुए एम-4 और एम-16 असॉल्ट राइफल लिए नजर आए।
शहनाज ने कहा, तालिबान लोगों के घरों में जा रहे हैं। कोई भी तालिबान पर भरोसा नहीं कर सकता, वे जंगली जानवरों से भी बदतर हैं।
सरकार बनाने को लेकर काबुल में हलचल तेज हो गई है। कई नेताओं के अलावा खलील हक्कानी भी शामिल हो सकता है।
Afganistan से अमेरिकी सेना की वापसी ने कई देशों को चौंकाया है। लेकिन अब आतंकवादी संगठन ISIS ने भी इसे अमेरिका की साजिश करार दिया है। US इस संगठन को तालिबान से बड़ा खतरा मानता है।