तिहाड़ जेल प्रशासन के अधिकारियों से अनुमति का इंतजार है। तिहाड़ के अधिकारियों ने उनकी इस मांग से गृह मंत्रालय को अवगत कराने को कहा है।
निर्भया के दोषियों को फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद पवन ने दिल्ली हाई कोर्ट में अर्जी दायर कर दावा किया था कि दिसंबर 2012 में घटना के वक्त उसकी उम्र 18 साल से कम थी। इसको लेकर दोषी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।
निर्भया केस में दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार को फटकार लगाई है। वजह जेल मैन्युअल में संशोधन है। 2018 में दिल्ली सरकार ने जेल मैन्युअल में संशोधन किया। आरोप लग रहे हैं कि इन्हीं संशोधित नियम की आड़ में दोषी फांसी टलवा रहे हैं।
नया डेथ वारंट जारी होने के बाद निर्भया के दोषियों में से पवन कुमार गुप्ता सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। शुक्रवार को उसने दिल्ली हाई कोर्ट के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, जिसमें उसको नाबालिग मानने से इनकार कर दिया गया था।
निर्भया केस में एक दोषी ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। दोषी पवन गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटीशन दाखिल की है। इसमें उसने दावा किया है कि वह घटना के वक्त नाबालिग था।
निर्भया केस में दोषी मुकेश कुमार की दया याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने खारिज कर दी है। इस दया याचिका को गृह मंत्रालय ने गुरुवार को राष्ट्रपति के पास भेजी थी। मुकेश की फांसी से पहले यह आखिरी याचिका थी।
सबसे पहले केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने पूरे मामले में दिल्ली सरकार पर लेटलतीफी का आरोप लगाया था। जिस पर मनीष सिसोदिया ने करारी फटकार लगाते हुए ऐसा बयान दे दिया कि गर्मागर्मी बढ़ गई।
निर्भया केस में दोषियों के फांसी पर सस्पेंस बना हुआ है। चारों में से एक दोषी मुकेश ने क्यूरेटिव पिटीशन खारिज होने के बाद दया याचिका लगाई। जेल प्रशासन से दया याचिका दिल्ली सरकार फिर वहां से उपराज्यपाल और फिर उपराज्यपाल से गृह मंत्रालय के पास पहुंच गई है।
निर्भया केस में दोषी मुकेश की याचिका पर कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने निर्भया के दोषियों की फांसी टाल दी है। अब 22 जनवरी को फांसी नहीं होगी। दोषी मुकेश ने पटियाला हाउस कोर्ट द्वारा जारी किए गए डेथ वॉरंट पर रोक लगाने की मांग की थी।
निर्भया के चारों दोषियों अक्षय, विनय, मुकेश और पवन को पटियाला हाउस कोर्ट ने एक साथ फांसी देने की तारीख तय की है। 22 जनवरी की सुबह 7 बजे फांसी दी जाएगी। लेकिन फांसी के लिए जल्लाद सिर्फ एक दोषी के लिए लीवर खींचेगा।