मशहूर पंजाबी सिंगर सिद्धू मेसूवाला की हत्या के बाद पंजाब में हड़कंप मचा हुआ है। सुरक्षा को आम आदमी पार्टी भगवंत मान सरकार से लेकर पंजाब पुलिस पर कई सवाल खड़े होने लगे हैं। वहीं विपक्षी दलों ने मेसूवाला की सुरक्षा हटाने को बड़ा मुद्दा बना लिया है।
आम आदमी पार्टी की सरकार ने पंजाब के 424 खास लोगों की सुरक्षा वापस लेने का फैसला किया है। इसके साथ ही कई पुलिस अधिकारियों की सुरक्षा कम की गई है। जिल लोगों की सुरक्षा वापस ली गई है उनमें जत्थेदार, डेरा प्रमुख, विधायक और पुलिस अधिकारी भी हैं।
विवेक अग्निहोत्री की फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर टिप्पणी करने वाले दिल्ली भाजपा के नेता तजिंदर बग्गा को पंजाब पुलिस पकड़कर ले गई है। इस मामले को लेकर भाजपा आक्रामक हुई है। पंजाब पुलिस की साइबर सेल ने यही कार्रवाई की है।
खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत पन्नू के विरोध में शुक्रवार को खालिस्तान विरोधी मार्च निकाला गया। जैसे ही इसका पता चला तो खालिस्तानी समर्थक सिख संगठनों ने इसका विरोध शुरू कर दिया। इसके बाद शिवसेना और सिख संगठनों के बीच जमकर हिंसक झड़पे हुईं और तलवारें तक खिंच गई।
गर्मी बढ़ने के साथ देश में बिजली कटौती की समस्या से लोग परेशान हैं। बिजली कटौती के पीछे कोयले की कमी बताई जा रही है। हालांकि केंद्र सरकार की माने तो देश में पर्याप्त मात्रा में कोयले का भंडार है। इसलिए बिजली कटौती की पीछे कोयले की कमी वाला तर्क कहीं से सही नहीं है।
पंजाब में आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री भगवंत मान अफसरशाही में बड़ा फेरबदल किया है। शनिवार को निकाले आदेश के मुताबिक राज्य के 32 IAS अफसरों को इधर से उधर किया है। वहीं सीनियर अधिकारी आइपीएस अधिकारी गुरप्रीत सिंह भुल्लर का नाम भी शामिल हैं।
बोर्ड के इस कारनामे के बाद पैरेंट्स काफी नाराज हैं। उनका कहना है कि शिक्षा बोर्ड और सरकार को या तो पूरे पैसे वापस करने चाहिए या फिर उसको फीस में एडजेस्ट करना चाहिए ताकि राहत मिल सके।
राज्य में अभी गेहूं की फसल की कटाई चल रही है। इसके बाद धान का सीजन आ जाएगा। इस सीजन में बिजली की मांग 15 हजार मेगावाट तक पहुंचने का अनुमान है। अगर समय रहते इसकी पूर्ति नहीं की जाती तो सरकार को किसानों का आक्रोश भी झेलना पड़ सकता है।
चंडीगढ़ पर दावे को लेकर 1967, 1970, 1978, 1985, 1986 और 2014 में पंजाब में प्रस्ताव पास हो चुका है। वहीं, SYL को लेकर हरियाणा में भी साल 2000 के बाद से पांच बार प्रस्ताव पास हो चुका है।
इस मुद्दे की एक बार फिर शुरुआत उस वक्त हुई जब केंद्र ने चंडीगढ़ के कर्मचारियों पर केंद्रीय नियम लागू कर दिया। इसके बाद पंजाब सरकार ने एक अप्रैल को विधानसभा का सत्र बुलाया और चंडीगढ़ को पूर्ण रूप से पंजाब को देने का प्रस्ताव पास कर दिया।