Nagpanchami 2023: इस बार नागपंचमी का त्योहार 21 अगस्त, सोमवार को मनाया जाएगा। इस दिन नागदेवता की पूजा करने से कई तरह की परेशानियां अपने आप ही दूर हो जाती हैं। इस दिन नाग मंदिरों में भक्तों की भीड़ भी उमड़ती है।
Nagchandreshwar Mandir Ujjain Live: उज्जैन को मध्य प्रदेश की धार्मिक राजधानी कहा जाता है। यहां कई विश्व प्रसिद्ध मंदिर हैं। ऐसा ही एक मंदिर है भगवान नागचंद्रेश्वर का। खास बात ये है कि ये मंदिर साल में सिर्फ एक बार नागपंचमी पर ही खुलता है।
Nagpanchami 2023: आज 21 अगस्त, सोमवार को नागपंचमी का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन नागदेवता की पूजा मुख्य रूप से की जाती है। वैसे तो हमारे देश में नागदेवता के अनेक मंदिर हैं, लेकिन इनमें से कुछ बेहद खास हैं। नागपंचमी पर भक्तों की भीड़ उमड़ती है।
NagPanchami Upay:ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जन्म कुंडली में ग्रहों की युति से कई अशुभ योग बनते हैं। कालसर्प दोष भी इनमें से एक है। जिन लोगों की कुंडली में ये दोष होता है, उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
अंक ज्योतिष का अपना अलग महत्व है। इसका मुख्य आधार है जन्म तारीख यानी डेट ऑफ बर्थ। समय के साथ इसका प्रचलन भी बढ़ता जा रहा है। अंक शास्त्र के माध्यम से किसी भी व्यक्ति के भूत-भविष्य और वर्तमान के बारे में जाना जा सकता है।
21 अगस्त, सोमवार को चित्रा नक्षत्र पूरे दिन रहेगा, जिससे मुग्दर का अशुभ योग दिन भर रहेगा। इसके अलावा इस दिन शुभ और शुक्ल नाम के 2 अन्य योग भी रहेंगे। राहुकाल सुबह 07:44 से 09:19 तक रहेगा।
21 अगस्त सोमवार को चित्रा नक्षत्र पूरे दिन रहेगा, जिससे मुग्दर का अशुभ योग दिन भर रहेगा। इसके अलावा इस दिन शुभ और शुक्ल नाम के 2 अन्य योग भी रहेंगे। राहुकाल सुबह 07:44 से 09:19 तक रहेगा।
Nagpanchami 2023: सांप हजारों सालों से लोगों के आश्चर्य का विषय बना हुआ है। सांप हमारे परिस्थितिक तंत्र के लिए बहुत जरूरी है, यही कारण है कि हर साल नागपंचमी पर नागदेवता की पूजा की जाती है। इस बार नागपंचमी 21 अगस्त को है।
Nagpanchami 2023: इस बार नागपंचमी का पर्व 21 अगस्त, सोमवार को मनाया जाएगा। इस दिन नागदेवता की पूजा करने का भी विधान है। धर्म ग्रंथों में भी नागों से जुड़ी कई रोचक कथाएं पढ़ने को मिलती हैं। नागों की उत्पत्ति कैसे हुई। इसका वर्णन भी महाभारत में है।
Nagpanchami Ki Katha: इस बार नागपंचमी का पर्व 21 अगस्त, सोमवार को मनाया जाएगा। इस दिन नागदेवता की पूजा करने की परंपरा है। मान्यता है कि इस दिन जो भी व्यक्ति नागदेवता की पूजा करता है उसे सर्प भय से मुक्ति मिलती है और परेशानियां दूर होती हैं।