नई दिल्ली. पंखों से कुछ नहीं होता होसलों से ही सपनों की उड़ान होती है। ये बात एक मासूम बच्चे ने ऐसी साबित कर दी कि हर दूसरा शख्स हैरान है। इस बच्चे को यूं तो हमेशा दूसरों की दुत्कार ही मिलती रही। वो अपाहिज है, दिव्यांग है, लाचार है अरे लूला-लंगड़ा है। कोई हंसता को कोई सहारा दे देता। पर इसी बच्चे ने अपने सपनों को पूरा करने के लिए अपनी कमियों को भी तमाचा मारा है। 5वीं कक्षा में टॉप करने वाले इस बच्चों के जुनून की दास्तां दुनिया के हर स्टूडेंट के लिए एक मिसाल है। आपमें भी पढ़ाई के लिए ऐसा ही जुनून होना चाहिए।