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2nd अटेम्प्ट में UPSC 2020 क्रैक कर IPS बनने वाले अभिषेक सिंह से जानें सक्सेज के धांसू TIPS
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लीव लेकर कर सकते हैं तैयारी
अभिषेक सिंह ने बीबीडी लखनऊ से वर्ष 2015 में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया और जुलाई 2015 से अक्टूबर 2018 तक एसबीआई में प्रोबेशनरी ऑफिसर के पद पर नौकरी की। बैंक की तीन साल की जॉब के दौरान उन्हें महसूस हुआ कि उनका सपना बचपन से सिविल सर्विस ज्वाइन करने का था। उसके उलट बैंकिंग सेक्टर में ही जॉब करते हुए उनका समय बीत रहा है तो वह बैंक से छह महीने के लिए एक्स्ट्रा आर्डिनरी लीव लेकर यूपीएससी की तैयारी में जुट गए।
पॉजिटिव बने रहना
जब आप मध्यमवर्गीय परिवार से हों, जहां परिस्थितियों के साथ आर्थिक स्थिति हमेशा चुनौतीपूर्ण होती है और जल्द से जल्द सेटल होने की भावना बलवती रहती है। ऐसे में अभिषेक के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की नौकरी छोड़कर तैयारी करने का निर्णय आसान नहीं था। जब वह नौकरी कर रहे थे, तब वह आर्थिक तौर पर सुरक्षित महसूस करते थे। उनका कहना है कि नौकरी छोड़कर तैयारी करने का निर्णय आसान नहीं था। खासकर खुद को यह विश्वास दिलाना कि यह हो जाएगा और लक्ष्य प्राप्ति तक खुद पर यह विश्वास बनाए रखना भी आसान नहीं था लेकिन उन्होंने अपने इस संघर्ष के नकारात्मक पहलू की तरफ कभी नहीं देखा। हमेशा सकारात्मक बने रहें। यही उनका मोटिवेशन रहा और उनकी यूपीएससी परीक्षा की यात्रा में एक उत्प्रेरक की तरह काम करता रहा।
बिना मन के पढ़ाई नहीं करनी चाहिए
अपनी पढ़ाई के शुरुआती दिनों से ही अभिषेक सोशल एक्टिविटी में शामिल रहते थे। सैनिक स्कूल में पढ़ाई के दौरान उन्हें इसके काफी अवसर भी मिले। स्कूल की मैनेजमेंट कमेटी के चेयरमैन रहे। स्पोर्टस कमेटी के कैप्टन भी बनें। कॉलेज में कल्चरल कमेटी के मुखिया थे। उन्होंने कभी नीरस तरीके से पढ़ाई नहीं की। सामाजिक तौर पर उन्होंने देखा कि समाज के विभिन्न क्षेत्रों में काफी काम किया जा सकता है। इन्हीं वजहों से उनका रूझान सिविल सर्विसेज की तरफ ज्यादा रहा।
आत्मविश्वास बड़ा रखें
अभिषेक का बचपन से ही प्रशासनिक सेवा में जाने का सपना था। उनके इस सपने को तब ज्यादा बल मिला, जब सैनिक स्कूल लखनऊ में पढ़ाई के दौरान उनके एक सीनियर छात्र का यूपीएससी में चयन हुआ, वह आईएएस बनें। उनके चयन के बाद अभिषेक का आत्मविश्वास बढ़ा, क्योंकि अब तक उन्होंने सिर्फ सुना था कि उनके स्कूल के कई पूर्व छात्र आईएएस व आईपीएस हैं लेकिन पहली बार उन्होंने अपने सीनियर छात्र को आईएएस बनते देखा। जिन्हें वह व्यक्तिगत तौर पर जानते थे, तो उनमें यह विश्वास जगा कि यदि वह प्रयास करें तो उनका भी चयन हो सकता है। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान उनके मन में सिविल सर्विस की परीक्षा की तैयारी को लेकर, जो अनिश्चितता थी, सीनियर के आईएएस बनने की खबर के बाद उसकी जगह यूपीएससी में तैयारी के संकल्प ने ले ली और यहीं से अभिषेक की यूपीएससी परीक्षा की तैयारी का सफर शुरू हुआ।
मोटिवेशन से ज्यादा अनुशासन जरूरी
हमेशा अपने प्रयासों को लेकर ईमानदार रहिए। आप सेल्फ असेसमेंट करते रहिए। हमेशा माइक्रो लेवल पर टारगेट बनाइए। जो भी काम करना चाहते हैं, उसे छोटे भागों में विभाजित कर लीजिए। इससे टारगेट छोटा दिखने लगता है। किसी भी मोटिवेशन से ज्यादा जरूरी इस तैयारी में अनुशासन है। कोई मोटिवेटेड होगा तो हो सकता है कि वह एक महीने 10 की जगह 16 घंटे पढ़ लेगा पर जो अनुशासित होगा। वह नियमित 10 से 12 घंटे पढ़ाई करेगा। अपनी क्षमता को कभी कम करके नहीं आंकना चाहिए। टारगेट हमेशा बड़े रखने चाहिए। लक्ष्य कभी कमतर नहीं रखने चाहिए।
खुद के लिए निकालें आधे घंटे का समय
किसी को कॉपी मत करिए। अपनी ताकत और कमजोरी को देखते हुए अपनी रणनीति बनाइए। अपनी बुकलिस्ट कम करके रखिए। ताकि उसको बार बार रिवाइज कर पाएं। योगा, मेडिटेशन या व्यायाम के लिए आधे घंटे का समय जरूर निकालें। समयबद्ध लक्ष्य बनाइए और उसी के अनुसार आगे बढ़िए। यह मत सोचिए की आपका चयन होगा या नहीं। बल्कि आप परीक्षा की तैयारी में जुटे रहिए। छोटी-छोटी चीजों को अमल में लाते जाएंगे तो लक्ष्य की तरफ बढ़ते जाएंगे।
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