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इस फिल्म के लिए कराए गए असली रेप, हत्या से भी नहीं चूके, क्रूरता देख एक्टर्स करते थे उल्टियां
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इस फिल्म का नाम था 'कैनिबल हैलोकॉस्ट', जो 7 फ़रवरी 1980 को वर्ल्डवाइड रिलीज हुई थी। यह इतालवी हॉरर फिल्म थी, जिसका निर्देशन रगेरो डिओडाटो ने किया था और इसमें रॉबर्ट केरमैन, गेब्रियल योर्के, ल्यूका जॉर्जियो बर्बरेस्ची, फ्रांसेस्का सियार्डी जैसे स्टार्स की अहम भूमिका थी।
फिल्म का जो टाइटल है, उसका हिंदी में अर्थ होता है नरभक्षियों का प्रलय। इसकी कहानी अमेजन के जंगलों में बसे आदिवासियों के इर्द-गिर्द घूमती है, जहां डॉक्यूमेंट्री शूट करने गए एक ग्रुप को हत्या, रेप और हिंसा का दिल दहलाने वाला खेल देखने को मिलता है।
उस जमाने में VFX नहीं होते थे और डायरेक्टर की सोच थी कि फिल्म इतनी रियल लगे कि लोग इससे वाकई नफरत करें। इसी सोच ने फिल्म की स्टारकास्ट से ऐसे काम करवाए, जो वे नहीं करना चाहते थे।
बताया जाता है कि रगेरो डिओडाटो की मनमानी ऐसी थी कि एक्टर्स को इसका बेहद खामियाजा भुगतना पड़ा। चूंकि फिल्म की थीम आदिवासियों पर बेस्ड थी, इसलिए ज्यादातर एक्टर्स ने फिल्म में बिना कपड़ों के और कई बार तो न्यूड होकर सीन दिए थे।
रिपोर्ट्स के मुताबिक़, जब फिल्म की शूटिंग चल रही थी कि, तब डायरेक्टर ने एक्टर्स की मर्जी के खिलाफ उनसे जानवरों की हत्या कराई, ताकि सीन रियल लगे। कभी सुअर को मारा गया, कभी कछुए की जान ली गई तो कभी बंदर की कुर्बानी दी गई। ये सभी सीन इतने क्रूर और हिंसक थे कि सेट पर मौजूद लोग उल्टी कर देते थे।
बताया जाता है कि डायरेक्टर फिल्म में रेप और सेक्स सीन को रियल दिखाना चाहता था, इसलिए इनकी शूटिंग भी असल में की गई। एक्ट्रेस फ्रांसिस्का सियार्डी ने एक सेक्स सीन के दौरान जब कपड़े उतारने से मना कर दिया तो डायरेक्टर ने उन्हें खूब भला-बुरा सुनाया। उन्हें सेट से बाहर निकाल दिया। उसके बाद भी वे उन्हें डांटते रहे। हार कर फ्रांसिस्का ने दबाव में आकर बिना कपड़ों के वह सीन दिया।
बताया जाता है कि फिल्म की शूटिंग के दौरान जो कुछ हो रहा था, उसका असर एक्टर्स की मानसिक हालत पर पड़ रहा था। अभिनेता गेब्रियल योर्के ने जब एक लोकल लड़की के रेप सीन को फिल्माया तो सीन के लिए उन्होंने उसके साथ जो हिंसक व्यवहार किया, उसकी वजह से वे काफी परेशान हो गए थे। कहा जाता है कि वे अपने आपसे नफरत करने लगे थे। इतना ही नहीं, इस सीन का असर उन पर कुछ ऐसा पड़ा कि उन्होंने अपनी गर्लफ्रेंड से ब्रेकअप तक कर लिया था।
डायरेक्टर की क्रूरता का एक किस्सा यह भी है कि उन्होंने सीन में जान डालने के लिए अपनी फिल्म के क्रू मेंबर्स को एक जलती हुई झोपड़ी में बंद रखा था। दरअसल, फिल्म में झोपड़ी में आग का एक सीन था, जिसके अंदर लोग भी मौजूद थे। डायरेक्टर ने अपने क्रू मेंबर्स को प्रेशराइज कर उस झोपड़ी में बंद किया और बाद में उन्हें इस खतरनाक सीन के लिए भुगतान भी नहीं किया गया।
जब यह फिल्म रिलीज हुई तो इसकी खूब सराहना हुई। हालांकि, वीभत्स सीन्स को देखकर कई लोगों का खून खौला और उन्होंने डायरेक्टर के खिलाफ शिकायत करा दी। फिल्म पर प्रतिबंध की मांग उठी और इसे लगभग 50 देशों में बैन कर दिया गया। बावजूद इसके फिल्म जहां भी रिलीज हुई, वहीं से कमाई के रिकॉर्ड बनाती नजर आई। बताया जाता है कि फिल्म का निर्माण महज 1 लाख डॉलर में हुआ था और इसका कलेक्शन 200 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया था।
फिल्म की रिलीज के बाद फ़्रांस की एक मैगजीन ने एक तस्वीर छापी, जिसमें दावा किया गया कि फिल्म के एक्टर्स के असल मर्डर सीन शामिल हैं। डायरेक्टर पर एक्टर्स के मर्डर का आरोप लगा और उनके खिलाफ हत्या का केस चला था। जिन एक्टर्स के मर्डर का आरोप लगा, बाद में डायरेक्टर ने उन्हें खुद कोर्ट में सबूत के तौर पर पेश किया और मामले में निजात पाई। लेकिन जानवरों के साथ हिंसा और उनकी हत्या के आरोप में डायरेक्टर को फिल्म इंडस्ट्री से 4 महीने के लिए बर्खास्त कर दिया गया था।
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