सार
गृहमंत्री अनिल विज के अनुसार, इस विधेयक में सजा का प्रावधान तीन अलग श्रेणियों में किया गया है। नाबालिग, महिला समेत अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति से जुड़े हुए जबरन धर्मांतरण करने के मामलों में ज्यादा सजा का भी प्रावधान हो सकता है।
चंडीगढ़। हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार जबरन धर्मांतरण के संबंध में कानून लेकर आई है। शुक्रवार को ‘हरियाणा विधि विरूद्ध धर्म परिवर्तन निवारण विधेयक-2022’ विधानसभा में पेश किया गया। गृह मंत्री अनिल विज ने ये विधेयक सदन में पेश किया और इसकी खूबियां बताई। सदन में विधेयक पर विज जवाब दे रहे हैं। नए विधेयक में जबरन धर्मांतरण करवाने वालों को 10 साल तक की सजा का प्रावधान है। हरियाणा विधानसभा में इन दिनों बजट सत्र चल रहा है।
गृहमंत्री अनिल विज के अनुसार, इस विधेयक में सजा का प्रावधान तीन अलग श्रेणियों में किया गया है। नाबालिग, महिला समेत अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति से जुड़े हुए जबरन धर्मांतरण करने के मामलों में ज्यादा सजा का भी प्रावधान हो सकता है। धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25, 26, 27 और 28 के तहत प्रदान किया गया है। इसमें प्रत्येक भारतीय नागरिक को धार्मिक स्वतंत्रता के लिए सक्षम बनाया गया है। इस अधिकार का मूल उद्देश्य नागरिक की इच्छा के अनुसार विश्वास को अपनाने से संबंधित है। प्रत्येक व्यक्ति को अपने धर्म को मानने, पालन करने और प्रचार का मौलिक अधिकार प्रदान करता है।
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जानिए जबरन धर्मांतरण करवाने पर क्या कार्रवाई हो सकेगी
- शादी के लिए झूठ बोलकर, अनुचित प्रभाव डालकर, प्रलोभन देकर या डिजिटल संसाधनों का इस्तेमाल कर धर्मांतरण कराने वाले को कम से कम एक साल और अधिकतम पांच साल की सजा और एक लाख रुपए जुर्माना लगाया जाएगा।
- शादी के आशय से जो अपना धर्म छिपाएगा, उसके धर्मांतरण करने पर कम से कम तीन साल और अधिकतम दस साल की सजा और तीन लाख रुपए जुर्माना लगाया जाएगा।
- व्यक्तिगत या किसी संगठनों द्वारा सामूहिक धर्मांतरण करने वालों के कारावास की अवधि कम से कम पांच वर्ष और अधिकतम दस वर्ष समेत चार लाख रुपए जुर्माना लगाया जाएगा।
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कमजोर वर्ग को धर्मांतरण के लिए निशाना बनाते छद्म संगठन
गृह मंत्री का कहना था कि हरियाणा में जबरन सामूहिक या व्यक्तिगत धर्मांतरण के कई केस सामने आए हैं। इसका आशय यह है कि कुछ छद्म सामाजिक संगठन अपने छिपे हुए एजेंडे के साथ धर्म परिवर्तन करवा कर समाज के कमजोर वर्ग को निशाना बनाते हैं। ऐसी घटनाएं ना सिर्फ व्यक्तियों की धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करती हैं बल्कि हमारे समाज के सामाजिक-धार्मिक ताने-बाने को भी आघात पहुंचाती हैं।
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विधानसभा में सड़क और मेडिकल कॉलेज का मुद्दा गूंजा
हरियाणा विधानसभा में बजट सत्र के तीसरे दिन की कार्यवाही चल रही है। सबसे पहले प्रश्नकाल के साथ सदन की कार्यवाही शुरू हुई। इस दौरान विधायक लीलाराम गुर्जर ने सड़क का मुद्दा उठाया। उन्होंने कुरुक्षेत्र रोड से अंबाला रोड को जोड़ने की मांग उठाई। गीता भुक्कल ने सदन में मेडिकल कॉलेज का मुद्दा उठाया। भुक्कल ने पूछा- क्या हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोले जाने का काम हो रहा है? मेडिकल कॉलेज की केवल घोषणा हुई कॉलेज कहां खोले गए? उन्होंने कहा कि मेरे क्षेत्र झज्जर के साथ भेदभाव ना करें।