लॉकडाउन में घर में पड़े-पड़े बोरियत होने लगती है। ऐसे में, कुछ चटपटा खाने को मिले तो मुंह का स्वाद बदल जाता है।
वीडियो डेस्क। कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में पैर पसार लिए हैं। वायरस से संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं।
कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन लगने के पहले से ही बच्चों के स्कूल बंद हैं। लॉकडाउन में बच्चे घर से बाहर खेलने के लिए नहीं जा सकते। वे अपना ज्यादा से ज्यादा समय स्मार्टफोन पर गेम खेलने में बिता रहे हैं। इसका असर उनके दिलो-दिमाग पर बहुत खराब होता है।
लॉकडाउन में रहते हुए बहुत से लोग ऐसा खाना खाने लगते हैं, जो गरिष्ठ होता है और सेहत को नुकसान पहुंचाता है। जब आप ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी नहीं करते तो हल्का और आसानी से पचने वाला भोजन करना चाहिए।
कोरोनावायरस को लेकर किए जा रहे एंटीबॉडी टेस्ट से यह पता नहीं लग पा रहा है कि संक्रमित रह चुके मरीज में वायरस के विरुद्ध प्रतिरोधात्मक क्षमता विकसित हो पाई है या नहीं और इससे किस हद तक उसे सुरक्षा मिल सकती है।
दुनिया के लिए बहुत बड़ा खतरा बन चुके कोरोना की महामारी पर काबू पाने के लिए ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के एक साइंटिस्ट ने वैक्सीन की खोज कर ली है। अब इसका ट्रायल किया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक, यह वैक्सीन अक्टूबर तक एवेलेबल हो जाएगा।
लॉकडाउन में हर आदमी बोरियत महसूस करता है। लगता है, दिल पर कोई बोझ-सा पड़ा है। ऐसे में, कुछ बेहतर खान-पान से मन अच्छा लग सकता है।
कोरोना वायरस सभी के लिए एक बड़ी आपदा बन कर आया है। यह पूरी दुनिया में फैल चुका है। इससे मुकाबला करने के लिए सजगता के साथ सेल्फ कॉन्फिडेंस को मजबूत करने की जरूरत है।
वीडियो डेस्क। कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए लोगों को लगातार जागरुक किया जा रहा है। वहीं WHO कई बार ये बता चुका है कि जिसका इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर होता है उसे ये वायरस सबसे पहले अपनी चपेट में लेता है।